‘तुम तो ठहरे परदेसी..’ गाकर रिकॉर्ड बनाने वाले अल्ताफ राजा जानें कहां हैं आज कल?

हमारी हिंदी फिल्म इंडस्ट्री भी बेहद अजीब है। यहां कुछ सितारों की किस्मत रातोंरात चमक जाती है तो कुछ गुमनामी के अंधेरे में खो जाते हैं। बॉलीवुड में अबतक ऐसे कई सितारें आये जिन्होंने एक वक्त पर तो दर्शकों के दिलों पर खूब राज किया मगर फिर कब वो दर्शकों के नजर से गायब हुए किसी को कुछ नही पता चल पाया। इन्ही सितारों में से एक है संगीत की दुनिया के मशहूर गायक अल्ताफ राजा जिन्होंने एक वक्त पर लोगों के बीच अपने गानों से खूब सुर्खियां बटोरी थी। यही नही अल्ताफ के गाने इतने मशहूर हुआ करते थे कि हर गली- मोहल्ले से लेकर बस या ऑटो के सफर में भी सिर्फ उनकी ही आवाज सुनाई पड़ती थी।

इस गाने ने रचा था इतिहास :-

एक वक़्त पर 'गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड' में नाम दर्ज कर इतिहास रचने वाले अल्ताफ राजा, अब हो चुके हैं लाइमलाइट से दूर

साल 1994 में अल्ताफ राजा के गाने ‘तुम तो ठहरे परदेसी….ने रिलीज के साथ ही धमाल मचा दिया था। रातों रात इस गाने के कुल 70 लाख कैसेट बिक गए थे। 90 के दशक में आये इस गाने की दीवानगी लोगों पर इस कदर थी कि इसकी कैसेट मार्किट में आते ही बिक जाया करती थी और आलम ये था कि लोग इस कैसेट को खरीदने के लिए अपने शहर से दूसरे शहर तक पहुंच जाया करते थे। यही नही इस गाने ने अपना नाम ‘गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में भी दर्ज किया है क्योंकि हिंदी एल्बम के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था जब किसी गाने की लगभग 4 मिलियन कैसेट कॉपी बिकी थीं।

एक वक़्त पर 'गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड' में नाम दर्ज कर इतिहास रचने वाले अल्ताफ राजा, अब हो चुके हैं लाइमलाइट से दूर

आपको बतादें कि अल्ताफ राजा का फितूर उस वक़्त लोगों पर वैसा ही चढ़ता था जैसा कि आज के समय में लोगों पर अरिजीत सिंह का चढ़ता है। हालांकि अब अल्ताफ राजा लाइमलाइट की दुनिया से बेहद दूर हो चुके हैं। तो चलिए ऐसे में हम आपको उनकी जीवन से जुड़ी कुछ खास बताते हैं जो शायद ही आप जानते होंगे।

अल्ताफ के पिता थे कव्वाली गायक :-

एक वक़्त पर 'गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड' में नाम दर्ज कर इतिहास रचने वाले अल्ताफ राजा, अब हो चुके हैं लाइमलाइट से दूर

महज 18 साल की उम्र में अपने करियर की शुरुवात करने वाले अल्ताफ ने संगीत में शिक्षा हासिल की और कई अवार्ड जीतने के साथ लोगों को कव्वाली का नया वर्जन भी दिखाया। बेहद कम लोग ये जानते होंगे कि अल्ताफ राजा के पिता एक बड़े कव्वाली गायक थे और अपने पिता के गानों को सुनकर ही अल्ताफ बड़े हुए थे। ऐसे में उनके अंदर संगीत को लेकर एक अलग उत्साह रहता था।

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प्लेबैक सिंगर नही बल्कि गजल सिंगर बनना चाहते थे अल्ताफ :-

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हालांकि करियर में कुछ समय के ठहराव के बाद अल्ताफ ने साल 2010 में फ़िल्म ‘टूनपुर का सुपरहीरो’ से कमबैक किया था और फिर कुछ समय का ब्रेक लेने के बाद साल 2013 में उन्होंने फिल्म ‘घनचक्कर’ में भी गाना गाया था। वैसे आपको बतादें कि अल्ताफ का मकसद कभी भी एक प्लेबैक सिंगर बनने का नही था। वह एक गजल सिंगर बनना चाहते थे। लेकिन उनकी माँ ने उन्हें समझाया कि गजल की दुनिया में एक वक्त के बाद ही नाम होगा और तबतक उन्हें अपना नाम बनाने के लिए बेहद संघर्ष करना होगा। फिर अपनी माँ के समझाने के बाद अल्ताफ ने फिल्मों में गाने की ओर रुख किया और फ़िल्म ‘शपथ’ से अपने सुनहरे करियर की शुरुआत की थी। इस फ़िल्म में वह जैकी श्रॉफ और मिथुन चक्रवर्ती के साथ अपना गाना गाते हुए कुछ सीन्स में नजर भी आए थे। 

लाइमलाइट से हुए दूर :-

एक वक़्त पर 'गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड' में नाम दर्ज कर इतिहास रचने वाले अल्ताफ राजा, अब हो चुके हैं लाइमलाइट से दूर

लेकिन फिर एक वक्त आया जब बॉलीवुड के दूसरे गायकों ने लोगों के दिलों पर राज करना शुरू किया और धीरे-धीरे अल्ताफ राजा लोगों की नजरों से और लाइमलाइट से दूर होने लगे। हालांकि कुछ वक़्त पहले ऐसी खबरें आई थी कि अल्ताफ राजा अपने सबसे चर्चित गाने ‘तुम तो ठहरे परदेसी..’ के सेकेंड पार्ट पर काम कर रहे हैं। ऐसे में दर्शकों को उनके इस नए गाने का बेहद बेसब्री से इंतजार हैं।

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