क्यों लगाई जाती है देवी देवता या मंदिरों की परिक्रमा, क्या होता है इससे लाभ

Parikrama Rule: अक्सर आपने देखा होगा कि हिंदू धर्म में लोग देवी देवता या मंदिर की परिक्रमा लगाते हैं. मंदिर के चारों तरफ घूम कर या देवी देवता के चारों तरफ घूम कर परिक्रमा लगाना बहुत ही ज्यादा शुभ माना जाता है और इसका बहुत ही खास महत्व है. लेकिन आप जानते हैं क्यों परिक्रमा लगाया जाता है और इससे क्या लाभ मिलते हैं.

क्यों लगाते हैं परिक्रमा(Parikrama Rule)

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान गणेश और कार्तिकेय ने सबसे पहले अपने माता-पिता की परिक्रमा लगाई थी. उस समय देवताओं ने कहा था कि जो सबसे पहले परिक्रमा लगाएगा उसे सर्वश्रेष्ठ पूजनीय माना जाएगा. इसमें भगवान गणेश भगवान शंकर और माता पार्वती के चक्कर लगाकर प्रथम पूज्य देव बन गया और इसी के आधार पर परिक्रमा की शुरुआत हुई.

सकारात्मक ऊर्जा

सनातन धर्म में परिक्रमा को बहुत ही ज्यादा शुभ माना जाता है और देवी देवताओं या मंदिरों का परिक्रमा लगाने से काफी सारी नकारात्मक ऊर्जाएं नष्ट हो जाती है और घर में सकारात्मक आती है.

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इस तरह लगाए परिक्रमा

धर्मशास्त्र के अनुसार परिक्रमा हमेशा देवी देवता के दाएं हाथ से बाएं हाथ की तरफ लगाना ही शुभ माना जाता है. परिक्रमा की गिनती हमेशा विषम में होनी चाहिए जैसे की 11 या 21 बार परिक्रमा लगाना शुभ माना जाता है. इससे भगवान का स्मरण होता है और यह बहुत शुभ माना जाता है.

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी परिक्रमा का फायदा है और जिस जगह पर प्रतिदिन पूजा होती है वहां सकारात्मक ऊर्जा बढ़ जाती है. इससे आत्म बल मजबूत हो जाता है और मानसिक शांति भी मिलती है.

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