बिहार के दो बाल वैज्ञानिकों ने रद्दी कागज से बिजली बना विज्ञान कांग्रेस में बनाया 10वां स्‍थान

बिहार के मशहूर शिक्षक और सुपर-30 के संस्थापक आनंद कुमार की रियल लाइफ पर बनी फिल्म सुपर 30 में रितिक रोशन का एक डायलॉग तो सुना होगा “प्रतिभा तो बहुत दिए हैं पर संसाधन नहीं” जी हां ऐसे ही बिहार में प्रतिभा की कमी नहीं है बस जरूरत है सही दिशा और मार्ग की। पटना के दो बाल विज्ञानियों ने रद्दी कागज से बिजली बनाने का प्रोजेक्ट बनाया है।

यूं तो बिजली पानी गर्म होने से जो भाप बनती है उससे टरबाइन घूमता है और बिजली उत्पादन होता है। जैसे-जैसे पृथ्वी की गहराई में जाते हैं धरती गर्म होती जाती है एक स्थान हुआ भी आता है जहां गर्मी की वजह से सारे पदार्थ पिघल जाते हैं जिसे लावा कहते हैं। धरती के अंदर मौजूद इसी ताप के इस्तेमाल से बिजली बनाई जाती है।

लेकिन पटना के दो बाल विज्ञानियों ने मात्र 200 ग्राम रद्दी से 2.5 बोर्ड का एलईडी बल्ब जलाकर बच्चों ने सबको चकित कर दिया।अगर इस प्रोजेक्ट को भारत सरकार से मान्यता मिलती है तो लोग घरों में अपने उपयोग के लिए बिजली बना सकते हैं। इस प्रोजेक्ट को राज्य की विज्ञान कांग्रेस में दसवां स्थान मिला है

इन दोनों छात्रों का नाम आनंद मोहन और आनंद राज है इन्हीं दोनों ने मिलकर यह प्रोजेक्ट तैयार किया है। उन्होंने बताया कि यह विचार उनके दिमाग में तब आया जब हुए कागज बनाने की संरचना का अध्ययन कर रहे थे। इन दोनों के प्रोजेक्ट को विज्ञान कांग्रेस में भेजा गया था उसके बाद इन्हें राज्य की विज्ञान कांग्रेस में दसवां स्थान मिला। प्रोजेक्ट के गाइड और स्कूल के विज्ञान शिक्षक के भी आनंद ने बताया इस पर आगे भी काम किया जाएगा।

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रद्दी से ऐसे बनेगी बिजली

छात्र आनंद राज और आनंद मोहन ने बताया कि 200 ग्राम रद्दी कागज को 24 घंटे तक 300 ग्राम पानी में डुबोकर रखा जाता है। पानी में रद्दी कागज की प्रतिक्रिया को तेज करने के लिए आधा चम्मच ग्लूकोज मिलाया जाता है। पानी में जस्ते और कॉपर की एक-एक प्लेट में डुबोकर रखी जाती है। पानी में होने वाले प्रतिक्रिया से दोनों प्लेटें सक्रिय हो जाती है इसके बाद बिजली का उत्पादन होना शुरू होता है। उन्होंने कहा कि 1 मीटर बिजली के तार से LED बल्ब को जोड़ दिया जाता है तार जुड़ते ही LED बल्ब जल उठता है। इतना ही नहीं रद्दी कागज को 3 महीने बाद निकाल कर उसे जैविक खाद भी बनाई जा सकती है।

राज्य सरकार भी करेगी प्रोत्साहित

आनंद मोहन प्लस टू के छात्र हैं वही आनंद राज नवमी कक्षा के छात्र हैं। इन दोनों के इस प्रोजेक्ट को बिहार राज्य कांग्रेस में दसवां स्थान मिला है। विज्ञान कांग्रेस आयोजित करने वाले साइंस फॉर सोसायटी के अध्यक्ष प्रोफेसर अरुण कुमार ने कहा प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए दिल्ली भेजा जाएगा। विभाग के सचिव सचिव ने कहा राज्य में विज्ञान कांग्रेस में 10 बेहतर प्रोजेक्ट प्रस्तुत करने वाले छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति देने की घोषणा की है। उसमें आनंद राज और आनंद मोहन का प्रोजेक्ट भी शामिल है।

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