ये है बिहार के हेलमेट मैन, फ्री में हेलमेट बाटने के लिए घर तक बेच दिए

देश में होने वाले सड़क हादसों में मौत की एक बड़ी वजह दुपहिया वाहन चालकों का हेलमेट ना पहनना है। लोगों को इसके प्रति जागरूक करने के लिए नोएडा में हेलमेट मैन के नाम से प्रसिद्ध राघवेंद्र कुमार कई वर्षों से हेलमेट बांटने का काम कर रहे हैं। इसके पीछे उनका एक मकसद है कि जिस प्रकार 2014 में उन्होंने अपने जिगरी दोस्त को सड़क हादसे में खो दिया, ऐसा हादसा किसी और के साथ ना हो। 

बिहार के कैमूर जिले के एक छोटे से गांव बगाढ़ी के रहने वाले राघवेंद्र कुमार अब तक देशभर में 48 हजार से ज्यादा हेलमेट फ्री में बांट चुके हैं। गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले राघवेंद्र बताते हैं, ‘मैं अपने 4 भाईयों में सबसे छोटा हूं। पिता खेती-किसानी करके घर चलाते थे, परिवार की माली हालत अच्छी नहीं थी। फिर भी मुझे स्कूल भेजा, लेकिन 12वीं के बाद मुश्किलें बढ़ गईं।

कृष्ण इंजीनियरिंग कर रहा था। हम लोगों के डिपार्टमेंट अलग थे, लेकिन हॉस्टल में हम साथ रहते थे। 2014 में जब वह ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे पर बिना हेलमेट के बाइक चला रहा था, तो एक एक्सीडेंट में सिर में चोट लगने से उसकी मौत हो गई। इस घटना ने मुझे अंदर तक झकझोर कर रख दिया.

उन्होंने बताया कि उसका बेटा स्कूल में टॉप किया है

राघवेंद्र कहते हैं, ‘जब मैं अपने दोस्त के माता-पिता से मिलने के लिए गया, तो उसकी कुछ किताबें अपने साथ ले आया था। वो किताबें मैंने एक जरूरतमंद बच्चे को दे दी। इसके बाद मैं हेलमेट बांटने के काम में लगा रहा। 2017 में मुझे एक कॉल आया, ये कॉल उस बच्चे की मां की थी, जिसे मैंने कृष्ण की किताबें दी थीं। उन्होंने बताया कि मेरी दी गई किताबों की मदद से उनका बेटा न सिर्फ ठीक से पढ़ सका, बल्कि उसने स्कूल में टॉप भी किया है। उस बच्चे की मां की बातें सुनकर मेरे दिल को बहुत सुकून मिला।’

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कैसे मिला हेलमेट मैन का टाइटल

राघवेंद्र के इस निस्वार्थ काम से प्रभावित होकर बिहार सरकार ने उन्हें सम्मानित किया है और ‘हेलमेट मैन’ का टाइटल दिया है। राघवेंद्र के इस बेमिसाल काम को देखते हुए केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी उनकी तारीफ कर चुके हैं।.

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