मिलिए, NASA के मिशन मंगल को सफल बनाने वाली भारतीय अमेरिकी वैज्ञानिक स्वाति मोहन से

अंतरिक्ष में मौजूद ग्रह और उपग्रह में जीवन की तलाश के मद्देनजर कई देश की स्पेस एजेंसी स्पेस एजेंसीया लगी हुई हैं । आज के दौर में NASA विश्व की सर्वश्रेष्ठ स्पेस एजेंसी है। अभी-अभी समाचार मिला है कि (NASA) का रोवर परसिवरेंस (Perseverance Rover) मंगल (मार्स) ग्रह पर सफलतापूर्वक लैंड कर चुका है.परसिवरेंस रोवर धरती से टेकऑफ के बाद मंगल की सतह पर पहुंचने में 7 महीने का समय लगा । भारतीय समय के अनुसार देखा जाए तो शुक्रवार की रात करीब 2 बजकर 25 मिनट पर परसिस्टेंट रोवर ने लाल ग्रह की सतह पर लैंडिंग की ।

इस मिशन की सफलता में भारतीय अमेरिकी वैज्ञानिक डॉक्टर स्वाति मोहन का भी अहम योगदान है । उन्होंने मीडिया को बताया कि, ”मंगल ग्रह पर रोवर की टचडाउन की पुष्टी हो गई है. अब रोवर परसिवरेंस का अगला काम यहां जीवन संबंधित संकेतो को तलाशना है ।” मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो रोवर के मंगलग्रह पर लैंड होने की प्रक्रिया के दौरान स्वाति मोहन जीएन एंड सी सबसिस्टम पर पूरी प्रोजेक्ट टीम के साथ मिलकर काम कर रही थीं ।

1 साल की उम्र मे गयी अमेरिका

वे प्रमुख सिस्टम इंजीनियर तो है ही इसके अलावा वह अपनी टीम की देखभाल करती हैं और जीएन एंड सी मिशन कंट्रोल की स्टाफिंग के लिए शेड्यूल भी तैयार करती हैं । स्वाति मोहन अमेरिका तब आई थी जब उनकी उम्र 1 साल थी । उन्होंने अपना बचपन वर्जिनियां वाशिंगटन डीसी के क्षेत्र में बिताया । महज 10 साल की उम्र में ही उन्होंने अंतरिक्ष के क्षेत्र में जाने का फैसला कर लिया था । जब उनकी की उम्र 9 साल थी , वे पहली बार ‘स्टार ट्रेक’ देखने के बाद, वह ब्रह्मांड और अंतरिक्ष की अपार सुंदर चित्रण देख के हैरान हो गई थी । इसी घटना के बाद उन्होंने महसूस किया कि वह ब्रह्मांड में और अन्य सुंदर जगहों को ढूंढना चाहती हैं ।

इसके बाद उन्होंने ने कॉर्नेल विश्वविद्यालय से मैकेनिकल और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की । इसके बाद एयरोनॉटिक्स / एस्ट्रोनॉटिक्स में प्रतिष्ठित एमआईटी से एमएस और पीएचडी पूरी की । डॉ. मोहन मिशन मंगल के अलावा नासा के विभिन्न अन्य महत्वपूर्ण मिशनों का हिस्सा रही हैं । भारतीय अमेरिकी वैज्ञानिक डॉ मोहन ने शनी के लिए एक मिशन तथा चांद के2 मिशन पर भी नासा के साथ काम किया है।

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