एक ही थाली में खाने से तो प्यार बढ़ता है, मगर एक ही साबुन से नहाने पर क्या होता है ? जानें जरूरी बात

Soap Use: भारत में मध्यम परिवार घर में टेलीविजन के रिमोट के अलावा एक और सामान नॉर्मली जरूर मिल जाएगा और वो है नहाने का साबुन। एक ही थाली में भोजन खाने से प्यार तो बढ़ता है, मगर एक ही साबुन से सभी नहाए तो क्या होता है? इस बारे में आपने कभी सोचा है? इस खबर में हम इसी पर मंथन करेंगे कि पूरे परिवार को स्नान करने के लिए एक ही साबुन का यूज़ करना चाहिए या फिर नहीं।

पूरी फैमिली को एक ही साबुन का इस्तेमाल करना चाहिए या नहीं? (Soap Use)

साबुन पर कीटाणु भी पाया जा सकता हैं। इंडियन जर्नल ऑफ डेंटल अनुसंधान में अप्रैल-जून 2006 के एक स्टडी में पाया गया है कि बार साबुन में दो से पांच विभिन्न प्रकार के कीटाणु रहते हैं। इसके साथ ही, साल 2015 में अमेरिकन जर्नल ऑफ इंफेक्शन में एक हॉस्पिटल में हुए अनुसंधान में पाया गया कि तकरीबन 62 फीसदी बार साबुन दूषित थे, वहीं लिक्विड सोप सिर्फ 3 प्रतिशत दूषित थे। साबुन पर पनपें बैक्टीरिया एक आदमी से दूसरे आदमी में फैल सकते हैं।

साबुन पर कौन से कीटाणु हो सकते हैं?

स्वास्थ्य एक्सपर्ट के अनुसार, साबुन की टिकिया पर मौजूद कुछ कीटाणुओं में शिगेला बैक्टीरिया, ई. कोली और साल्मोनेला साथ ही रोटावायरस और नोरोवायरस स्टैफ जैसे वायरस मौजूद हो सकते हैं। इनमें से कुछ त्वचा या घाव पर खरोंच लगने से फैल सकते हैं, वहीं अन्य मल से यह फैलते हैं।

एक ही साबुन के यूज से संक्रमण फैल सकता है?

Soap Use: एक ही साबुन करना वैसे तो सुरक्षित होता है, लेकिन संक्रमण फैलने का भी खतरा बना रहता है। फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी के फुटबॉल प्लेयर्स के 2008 के एक अनुसंधान में, जो लोग साबुन शेयर करते थे, उनमें एंटीबायोटिक-प्रतिरोधी स्टैफ ओर मेथिसिलिन-प्रतिरोधी स्टैफिलोकोकस ऑरियस एक संक्रमण होने की अधिक संभावना थी। इसके वजह से, यूएस सीडीसी साबुन जैसी व्यक्तिगत सामानों को शेयर नहीं करने को कहता है।

इंफेक्शन से बचने के लिए करें ये काम?

यदि आप कीटाणुओं के बढ़ने की आशंका के चलते साबुन को शेयर नहीं करने की सोच रहे हैं या यूज करने से परहेज कर रहे हैं, तो इसके जगह लिक्विड सोप या फिर बॉडी वॉश का यूज कर सकते हैं। इसके साथ ही ड्रेनिंग सोप डिश का यूज करें और इसे हमेशा से धोएं और साफ करते रहें। साबुन का एकदम यूज नहीं करने से अच्छा है कि इसे शेयर न करें क्योंकि यह बॉडी को कई तरह के बैक्टीरिया और वायरस और उनके द्वारा होने वाले किसी भी संक्रमण से मनुष्य को बचाने में हेल्प करता है।

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