यूक्रेन और रूस के बीच छिड़ी जंग (Russia Ukraine War) का असर तमाम देशों पर देखने को मिल रहा है। ऐसे में भारत भी इससे अछूता नहीं है। भारत में खाद्य तेलों की कीमत तेजी से बढ़ रही है। पहले से ही खाद्य तेल की कीमत में डीजल और पेट्रोल की महंगाई (Petrol Diesel Rate) के चलते कंपनियां अपनी मनमानी चलाते हुए लगातार बढ़ाती रही है। वहीं अब यूक्रेन और रूस के बीच छिड़े युद्ध के चलते बीते दो दिनों में खाद्य तेल सरसों का तेल घी रिफाइंड आदि सभी के दाम (Russia Ukraine War Effect on Edible Oil) तेजी से बढ़ रहे हैं।
बता दें यूक्रेन से पाम ऑयल व सोयाबीन भारत में आयात होता है। ऐसे में छिड़ी जंग के बाद पाम आयल और सोयाबीन रिफाइंड के साथ-साथ वनस्पति घी की कीमत भी बढ़ गई है। गौरतलब है कि यूक्रेन से हवाई सेवाओं को बंद कर दिया गया है, ऐसे में भारत में इसकी डिमांड बढ़ रही है जिसका असर इसकी बढ़ती कीमतों पर दिखाई दे रहा है।
ऐसे में यह साफ है कि यूक्रेन और रूस के बीच छिड़ी जंग का असर भारत की आम जनता की जेब पर भी पड़ने वाला है। बता दें खाद्य पदार्थों की कीमत में बढ़ोतरी के साथ ₹10 तक की तेजी दर्ज की गई है। व्यापारियों के मुताबिक 24 फरवरी को रिफाइंड वनस्पति घी और सरसों के तेल के दाम में भारी उछाल दर्ज किया गया है।
तेजी से बढ़ रही है खाद्य तेल की कीमत
खाद्य तेलों की कीमत में आई बढ़ोतरी के बाद अब सरकार इस पर विचार विमर्श करने में जुट गई है। दूसरे देशों से इसकी भरपाई करने के लिए व्यापारियों की भी मांग तेजी से उठ रही है। व्यापारियों का कहना है कि महंगाई कंपनी बढ़ाती है, लेकिन बदनाम बाजार के आम व्यापारियों को किया जाता है। बता दे कुछ दिन पहले तक 15 किलोग्राम का वनस्पति घी का टीम ₹3000 का था, लेकिन अब इसकी कीमत ₹3150 कर दी गई है। ऐसे में अन्य तेल भी इसी तरह बढ़ोतरी की गई है।
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