बिहार के इस नदी पर बनाया जाएगा 171 पिलर वाला देश का सबसे लंबा सड़क पुल, 10.20 किमी होगी लंबाई 

फिलहाल देश का सबसे लंबा नदी पुल असम में बना 9.15 किमी लंबा भूपेन हजारिका सेतु है, लेकिन जल्द ही बिहार में कोसी नदी पर सुपौल के बकौर से और मधुबनी जिले के भेजा(Road bridge between Supaul-Madhubani) के बीच बननेवाला सड़क पुल देश का सबसे लम्बा सड़क पुल होगा।

2023 तक बनकर तैयार हो जाने की उम्मीद है

आपको बता दें कि बिहार में बनाया जानेवाला यह पुल भूपेन हजारिका पुल से लगभग 1 किलोमीटर लंबा होगा। केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की तरफ से इस निर्माण कार्य के लिए 984 करोड़ रूपए की राशि जारी की गई है। 10.2 किलोमीटर लंबे महासेतु के निर्माण कार्य कार्य की शुरुआत की जा चुकी है और इसके 2023 तक बनकर तैयार हो जाने की उम्मीद है। इस पुल के बन जाने से सुपौल से मधुबनी के बीच की दूरी घटकर (Distance) 30 किलोमीटर कम हो जाएगी। अभी यह दुरी 100 किलोमीटर है, पुल निर्माण के बाद यह घटकर 70 किमी रह जाएगी।

कोसी नदी जो बाढ़ की वजह से बिहार का शोक कही जाती है, अपनी धारा हमेशा बदलते रहती, इसके दोनों धाराओं के बीच की दूरी काफी ज्यादा रहती है, विशेष रूप से बाढ़ के समय। अतः कोसी सुपौल जिले के बकौर से मधुबनी जिले के भेजा के बीच सड़क पुल परियोजना की शुरुआत की गई , इस महासेतु के सिर को दोनों तरफ बने तटबंध (पूर्वी और पश्चिमी) से सीधे जोड़े जाने का काम किया जा रहा है। इस महासेतु के देश में सबसे लंबा होने का ये एक अहम् भौगोलिक कारण है।

171 पिलर का निर्माण किया जाएगा

जानकारी के मुताबिक, इस पुल में 171 पिलर का निर्माण किया जाएगा, इनमें से 113 पिलर का निर्माण कार्य तीव्र गति से किया जा रहा है। पांच पिलर का निर्माण कार्य पूरा किया जा चुका है। निर्माण किए जा रहे पिलर मे बकौर की तरफ से से 36 पिलर और भेजा की तरफ से 87 पिलर होंगे। बकौर की तरफ से 2.1 किलोमीटर लम्बा जबकि भेजा की तरफ से 1 किलोमीटर एप्रोच पथ का निर्माण किए जाने की बात परियोजना में शामिल है। एप्रोच रोड मिलाकर पुल की कुल लंबाई 13.3 किलोमीटर हो जाएगी।

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भारतमाला परियोजना पर काम करते हुए मधुबनी के उमगांव से महिषी तारापीठ (सहरसा) के बीच निर्माण किए जा रहे फोरलेन सड़क के एलाइनमेंट में इस पुल को बनाने का काम किया जा रहा है। दो एजेंसी गैमन इंडिया एवं ट्रांस रेल लाइटिंग प्राइवेट लिमिटेड को इस निर्माण कार्य की जिम्मेदारी दी गई है। भारतमाला प्रोजेक्ट में 5 पैकेज हैं, इसी मे इस पुल का निर्माण भी शामिल है।

नेपाल, बांग्लादेश और भूटान को उत्तर-पूर्व के राज्यों से  देगा कनेक्टीविटी

सामरिक दृष्टि से इस पुल का निर्माण अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह नेपाल, बांग्लादेश और भूटान को उत्तर-पूर्व के राज्यों से कनेक्टीविटी देगा। इसके निर्माण से बागडोगरा एयरपोर्ट तक आवागमन बेहद सुगम हो जाएगा। यद्दपि कोविड-19 की महामारी से निर्माण कार्य में विलम्ब हुआ लेकिन उम्मीद है कि जिस गति से निर्माण कार्य किया जा रहा , दिसंबर 2023 तक यह पुल बनकर तैयार हो जाएगा। कुल निर्माण कार्य का 25 प्रतिशत कार्य पूरा किया जा चुका है।

भारत माला परियोजना के अन्तर्गत बिहार में चार एक्सप्रेस का निर्माण कार्य भी किया जाना है, जिससे बिहार से कोलकाता और दिल्ली की दूरी बेहद कम हो जाएगी तथा अंतर राज्य आवागमन मे बहुत सुविधा होगी। एक एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य शुरू किया जा चुका है तो वहीं अन्य के डीपीआर की प्रक्रिया जारी है। अनुमान है कि नए साल मे पटना कोलकाता एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य भी शुरू हो सकता है।

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