नए संसद भवन के शिलान्यास पर RJD बोली- अमर होना चाहते है मोदी, JDU बोली चरवाहा..

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार यानी आज नए संसद भवन का शिलान्यास और भूमि पूजन करेंगे चार मंजिला नए संसद भवन का निर्माण 971 करोड रुपए की अनुमानित लागत से 64500 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में किए जाने का प्रस्ताव है. इस शिलान्यास कार्यक्रम का सीधा प्रसारण बिहार विधान परिषद के सदस्य भी देख पाएंगे. इसके लिए सभी सदस्यों को पत्र लिखकर कल 12 बजकर 45 मिनट पर उपस्थित होने के लिए कहा गया है ताकि सभी इस ऐतिहासिक पल के भागीदार हो सके.

अवधेश नारायण विधान परिषद के कार्यकारी सभापति उन्होंने कहा कि मैं खुद इस ऐतिहासिक क्षण में शामिल हो रहा हूं. यह हमारी खुशकिस्मती है कि हम सभी इसे जीवंत तौर पर देख पाएंगे उन्होंने आगे कहा कि इसके लिए पूरी व्यवस्था कर ली गई है. लेकिन संसद भवन शिलान्यास पर बिहार में विपक्षी पार्टियों की राजनीति शुरू हो गई है.

RJD और कांग्रेस ने खड़े किए सवाल

बिहार के मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस ने संसद भवन के शिलान्यास पर सवाल खड़ा कर दिया है. कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने संसद भवन के शिलान्यास पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को भाषण और शिलान्यास के बजाय किसानों की समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए उन्होंने कहा कि कोरोना और किसान की चिंता पहले करनी चाहिए आज भाषण भी सुनने की बाध्यता हो रही है.

आरजेडी ने कहा सिर्फ नाम के लिए हो रहा है काम

बिहार के मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने भी नए सांसद भवन के शिलान्यास का विरोध करते हुए कहा कि पुराने संसद भवन में क्या समस्या हो रही थी जो नया सांसद भवन बन रहा है. राष्ट्रीय जनता दल के नेता सुबोध राय ने कहा कि यह काम सिर्फ नाम के लिए हो रहा है प्रधानमंत्री इन कार्यों से अमर होना चाहते हैं. प्रधानमंत्री मोदी को किसानों की समस्या सबसे पहले खत्म करनी चाहिए थी.

जेडीयू सांसद का तंज

वहीं बिहार के विपक्षी पार्टियों के विरोध पर जेडीयू सांसद ने तंज कसते हुए कहा कि संसद भवन लोकतंत्र का मंदिर होता है इस पर सियासत की बात नहीं होनी चाहिए. वहीं जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा लोकतंत्र के मंदिर के निर्माण पर कांग्रेस और आरजेडी सवाल खड़े कर रही है. विपक्ष किसान के नाम पर सिर्फ भ्रम फैला रही है. NDA ने किसानों के लिए काम किया है और आगे भी काम करता ही रहेगा. राष्ट्रीय जनता दल चरवाहा विद्यालय के दौर में जी रही है.

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