लोग घर से भाग करते है शादी पर इन्होने शादी से भाग रच दिया इतिहास

सपने हर कोई देखता है चाहे वह बड़े शहर का हो या किसी छोटे गांव का. भारत के कई राज्यों में परिवारिक दबाव के चलते कम उम्र में विवाह के लिए मजबूर होना सामान्य सी बात है. इसके चलते कई लड़कियां अपने कैरियर के सपने पीछे छूट जाते हैं.बहुत कम लोग इन पारंपरिक नियमों को ना कहने का साहस रखते हैं और अपनी मेहनत के दम पर सफलता पाते हैं. और अपने सपनों को पूरा करते हैं.

उत्तर प्रदेश के मेरठ के संजू रानी वर्मा के ऊपर शादी करने का दबाव था लेकिन उन्हें तो अपना करियर बनाने और अपने सपनों के साथ आगे बढ़ने का सोच रखा था. संजू रानी वर्मा 2018 में अपनी मां के निधन के बाद घर से भाग जाने का फैसला किया उस समय संजू रानी वर्मा दिल्ली विश्वविद्यालय से मास्टर की पढ़ाई कर रही थी.

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संजू रानी वर्मा के परिवार ने उन पर शादी करने का दबाव बनाना शुरू कर दिया लेकिन उन्हें तो बस अपने सपनों और अपने कैरियर के साथ जीना था. उन्होंने अपनी शिक्षा और कैरियर के महत्व पर अपने परिवार वालों को समझाने की बहुत कोशिश की लेकिन उनके परिवार वालों ने उनकी एक न सुनी. उनके पास और कोई विकल्प नहीं बचा था आखिरकार में उन्होंने घर छोड़ने का फैसला किया.

द लॉजिकल इंडियन को दिए गए इंटरव्यू में उन्होंने बताया

“2013 में मैंने ना केवल घर छोड़ा बल्कि पीजी कोर्स भी किया जो मैं दिल्ली विश्वविद्यालय से कर रही थी. मेरे पास कोई पैसा नहीं था मैंने किराए पर एक कमरा लिया और बच्चों को पढ़ाना शुरू किया. प्राइवेट स्कूलों में मुझे पार्ट टाइम टीचिंग जॉब भी मिल गई थी किसी तरह मैंने सिविल सेवा परीक्षा के लिए अपनी पढ़ाई जारी रखी.”

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UPSC-2018 परीक्षा का रिजल्ट पिछले सप्ताह घोषित किया गया था जिसमें संजू रानी वर्मा अच्छे अंकों के साथ उत्तीर्ण हुई थी. संजू रानी वर्मा की कई महत्वकांक्षी योजनाएं हैं वह सिविल सेवा परीक्षा पास करना चाहती है और एक डिविजनल मजिस्ट्रेट बनना चाहती है.

एक रिपोर्ट के अनुसार संजू रानी वर्मा अभी भी अपने परिवार का आर्थिक रूप से समर्थन करना चाहती है. और वह उम्मीद करती है कि जिन लोगों ने उस समय उनकी पसंद का अनादर किया अब वह उनका सम्मान करेंगे क्योंकि संजू रानी वर्मा अब सरकारी अधिकारी बन गई है.

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