छपरा के किसान का बड़ा कमाल, सब्जी बाजार के कचरे से बनाया खाद तो उपज हुई दुगनी

बिहार के छपरा के दौलतगंज मोहल्ले के किसान जयप्रकाश महतो ने सब्जी बाजार के कचरे से खाद तैयार कर उन्नत खेती की मिसाल पेश की है. जयप्रकाश जिस मोहल्ले में रहते हैं उसके पास सब्जी बाजार हर रोज दुकानदार भारी मात्रा मात्रा में सब्जियों का कचरा छोड़कर घर जाते थे. इस कचरे को नगर निगम द्वारा Dump कर दिया जाता था, फिर जयप्रकाश ने जन विकास समिति से जैविक खाद बनाने की ट्रेनिंग ली. जिसमें उसे बताया गया कि सड़ी गली सब्जियों और पतियों को भी जैविक खाद निर्माण में उपयोग किया जा सकता है. प्रकाश को देख आसपास के किसान भी रासायनिक खाद के बजाय जैविक खाद के जरिए खेती की ओर अग्रसर हो रहे हैं.

जयप्रकाश ने जन विकास समिति से जैविक खाद बनाने की ट्रेनिंग लेकर गुदरी बाजार स्थित सब्जी मार्केट के कचरे को जमा कर गाड़ी से बर्मी कंपोस्ट बनाने के प्रोजेक्ट को शुरू किया. इस खाद के निर्माण के साथ ही खेत में आलू सरसों तथा मूली की खेती लगभग 10 कट्ठा में किया. इस प्रशिक्षण विधि के अनुसार बिना सरकारी सहयोग से खुद बनाए गए जैविक वर्मी कंपोस्ट खाद से खेती किया.

जयप्रकाश ने इस साल खेती से लगभग 25 क्विंटल मूली की बिक्री कि उनका दावा है कि जैविक खाद से उपजे एक मूली का वजन 1.50 से 2 किलो तक पाया गया. इस प्रकार आगे भी इस गांव के किसान कूड़ा कचरा से वर्मी कंपोस्ट खाद बनाने का प्रशिक्षण लेकर खेती करने को इच्छुक हैं. जयप्रकाश के इस नए प्रयोग से लोगों ने कहा कि कबाड़ से जुगाड़ बना कर किसानों को खेती के लिए एक नया रास्ता दिया है अब किसान रासायनिक खाद के बजाय जैविक खाद का इस्तेमाल करना बेहतर समझ रहे हैं और इससे खेती में पैदावार भी अच्छी हो रही है.

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