सेना की वर्दी ने किया आकर्षित, TCS में इंजीनियर की जॉब छोड़ बन गई सेना मे ऑफिसर

नारी समाज की वह शक्ति है जो समाज के हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही है। आज के समाज में शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र हो जहां महिलाओं ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन न किया हो। ऐसे ही जज्बे की मिसाल पेश कर रही है शिल्पी गर्गमुख, जिन्हें 5 अक्तूबर 2016 को देश की पहली प्रादेशिक सेना ऑफिसर लेफ्टिनेंट बनने का गौरव प्राप्त हुआ।

शिल्पी गर्गमुख का परिचय

शिल्पी गर्गमुख ने 10वीं और 12वीं में टॉप करके अपने घर का नाम रोशन किया। आगे की पढ़ाई के लिए उन्होंने “बिरसा प्रौद्योगिकी इंस्टिट्यूट” से पूरी कर “केमिकल इंजीनियरिंग” की डिग्री प्राप्त की। यह पल उनके लिए बेहद ही खुशी का था।

TCS की नौकरी छोड़ पहनी सेना की वर्दी

उन्होने हैदराबाद में टीसीएस में नौकरी भी की लेकिन उन्होंने जल्द ही इसे छोड़ दिया क्योंकि उन्हें सेना की ऑलिव ग्रीन वर्दी आकर्षित करती थी। उन्होंने अपने सपने को पूरा करने के लिए बहुत मेहनत की और ओएनजीसी अंकलेश्वर में केमिकल इंजीनियर के पद के लिए चुनी गई। इसी से उन्हें पता चला कि ओएनजीसी के माध्यम से वे क्षेत्रीय सेना में जा सकती हैं। इस माध्यम से शिल्पी ने अपने सपने को पूरा होते हुए देखा। 

Territorial Army (प्रादेशिक सेना)

प्रादेशिक सेना देश की सेवा का ही एक भाग है जो भारतीय सेना का हिस्सा है। इसके लिए हर साल कुछ दिनों के लिए स्वयंसेवको को कुछ दिन सैनिक प्रशिक्षण की ट्रेनिंग दी जाती है। इन्हें इसलिए ट्रेनिंग दी जाती है ताकि जरूरत पड़ने पर उन्हें देश की रक्षा के इस सेना का उपयोग किया जा सके। 

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