Thursday, December 7, 2023

मजदूर के बेटे ने टीचर की नौकरी करते हुए UPSC मे हासिल किया तीसरी रैंक

कहते हैं मेहनत का फल हमेशा मीठा होता है और अगर इंसान के अंदर चाह हो तो वह पर्वत को भी झुका सकता है, ऐसा ही कुछ किया है आंध्र प्रदेश के गोपाल कृष्ण रोनांकी ने। उन्होंने साबित कर दिया है कि अगर इंसान मेहनती हो तो उसके लिए कुछ भी मुश्किल नहीं है। गोपाल कृष्ण रोनानकी ने अपनी मेहनत और लगन से यूपीएससी की परीक्षा पास की। परीक्षा सफल होने के बाद उन्हें कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग की ओर से दिल्ली में 20 टॉपर्स के लिए रखे गए सम्मान समारोह में भाग लेने का निमंत्रण भी मिला।

बता दें की गोपाल पेशे से एक स्कूल टीचर थे और उन्होंने यह सोच लिया था कि उन्हें अपने आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार लाना है जिसके लिए उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा देने का निर्णय लिया और दिन रात एक कर कर सफलता हासिल किया। गोपाल कृष्ण रोनांकि जो कि आंध्र प्रदेश के एक छोटे से गांव में रहते हैं उन्होंने इस सफलता से पहले बेहद कठिनाइयों का सामना किया। उनके माता-पिता शहर से 70 किलोमीटर दूर पलाशा मंडल के परसम्भा गांव में किसान थे।

आपको बता दें कि गोपाल के माता पिता का महज एक दलित परिवार के विवाह में शामिल होने के कारण समाज ने 25 साल तक बहिष्कार कर दिया था जिसके बाद उनके जीवन में बेहद मुसीबतें आई। घर में आर्थिक कठिनाइयों के कारण गोपाल किसी अच्छे स्कूल या कॉलेज से अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए और अंत में उन्होंने दूरस्थ शिक्षा से तेलुगु माध्यम से पढ़ाई पूरी की। 12वीं तक पढ़ाई पूरी करने के बाद गोपाल ने ट्रेनिंग ली और सरकारी स्कूल में शिक्षक के रूप में काम शुरू कर दिया। काम करने के साथ-साथ गोपाल ने अपनी ग्रेजुएशन डिग्री भी ली ।

 
whatsapp channel

इन तमाम मुश्किलों के बाद गोपाल ने एक अहम फैसला लिया और साल 2015 में पहली बार यूपीएससी की परीक्षा देने का निर्णय लिया। हालांकि वह प्रिलिम्स क्लियर नहीं कर पाए थे। लेकिन गोपाल यहां रुके नहीं और उन्होंने खूब मेहनत की और साल 2016 में बेहतर तैयारी कर प्रिलिम्स भी क्लियर किया।  गोपाल ने मेंस में तेलुगु लिटरेचर को अपना ऑप्शनल सब्जेक्ट चुना था।

गोपाल ने बताया कि उनके दोस्त अक्सर उन्हें यह कहते थे कि तेलुगु मीडियम से पढ़ाई करने के बाद यूपीएससी क्रैक नही हो सकता है। गोपाल यहां भी नहीं रुके और उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से यूपीएससी क्रैक किया। इतना ही नही उन्होंने ट्रांसलेटर की मदद से अपना यूपीएससी इंटरव्यू भी तेलुगु भाषा में ही दिया। गोपाल की मेहनत और लगन से यह साफ साबित होता है कि अगर इंसान कड़ी मेहनत करे तो कुछ भी मुश्किल नहीं और और जिंदगी के हर पड़ाव को आसानी से पार कर सकता है।

google news

Manish Kumar
Manish Kumarhttp://biharivoice.com/
पिछले 5 साल से न्यूज़ सेक्टर से जुड़ा हूँ । बिहारी वॉइस पर 2020 से न्यूज़ लिखने और एडिटिंग के साथ-साथ टेक संबंधी कार्य कर रहा हूँ।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
3,912FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest Articles