Saturday, June 3, 2023

शादी के 15 दिन ही बाद पति ने छोड़ दिया, फिर भी हिम्मत नहीं हारी और जॉब करते हुए किया UPSC क्लियर

समाज में माना जाता है कि लड़कियों की शादी के बाद जिंदगी पूरी हो जाती है. वह पति, ससुराल और घर परिवार को संभाले. ऐसे ही एक लड़की की शादी मां-बाप ने बड़ी धूमधाम से की लड़का NRI था तो मां-बाप खुश थे की बेटी खुश रहेगी. विदेश में जाएगी. पर जैसा सोचा वैसा होता कहां है! इस लड़की की शादी तो कर दी गई लेकिन शादी के 15 दिन बाद ही इसके पति इन्हें छोड़ कर भाग गया. उस लड़की के लिए किसी सदमे से कम नहीं था. लेकिन यह लड़की टूटी नहीं बल्कि वह और मजबूत होकर खड़ी हुई. उसने यूपीएससी की तैयारी की और आईएएस अफसर बनकर अपने ऊपर टूटी हुई औरत के लगे कलंक को धो दिया.

कहानी है गुजरात में पैदा हुईं कोमल गनात्रा की. कोमल अपने माता पिता और भाई बहन के साथ गुजरात में रहती थी. कोमल के पिता एक शिक्षक है और उनकी माता हाउसवाइफ. कोमल बचपन से ही पढ़ाई में बहुत होशियार थीं. कोमल ने एक दिए गए इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि उनके पिता उन्हें जीवन में आगे बढ़ने के लिए हमेशा प्रेरित करते थे वह चाहते थे कि कोमल एक आईएएस अधिकारी बने.

शादी के 15 दिन बाद पति ने छोड़ दिया

जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया कोमल के माता-पिता ने एक NRI से उनकी शादी की थी तो उन्होंने सोचा लड़की अपने जीवन में खुशी खुशी रहेगी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ कोमल UPSC की तैयारी के साथ GPSC की तैयारी कर रही थी तब उसकी उम्र करीब 26 साल थी. उन्होंने न्यूजीलैंड के NRI शैलेश से शादी की उस वक्त कोमल गुजरात पब्लिक सिविल सेवा के मेंस में भी सफलता प्राप्त कर चुके थे. लेकिन शैलेश ने कहा हम न्यूजीलैंड जाएंगे और कोमल को इंटरव्यू के लिए नहीं जाने दिया. शादी के 15 दिन बाद कोमल के पति न्यूजीलैंड चले गए उसके बाद कभी लौट के नहीं आए. हालांकि, कोमल ने अपने पति से संपर्क करने की बहुत कोशिश की लेकिन उनकी हर कोशिश नाकाम रही.

धोखे ने जीवन का लक्ष्य बदल दिया

आखिरकार कोमल वापस अपने मायके चली गई मायके में उन्हें अपने पड़ोसियों रिश्तेदारों द्वारा ताने को सुनने को मिलता. जिससे कोमल का जीवन काफी कठिन हो गया था अब उनकी जिंदगी बेहद ही कठिन परिस्थितियों में आ गई थी और उनमें आत्म सम्मान की कमी प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही थी. लेकिन उस तनावपूर्ण स्थिति में उन्हें अपने पिता की कही बात याद आई और उन्होंने यूपीएससी की तैयारी करने का निश्चय कर लिया.

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औरत की पहचान पति से नहीं खुद की कामयाबी से

समाज में आज भी ऐसे लोग हैं जिनका मानना है कि पत्नी की पहचान उनके पति के नाम से होती है. लेकिन कोमल ने बताया कि जीवन के इस घटना से उन्होंने शिक्षा लिया कि एक महिला की पहचान कभी भी उसके पति से नहीं होती बल्कि उसकी पहचान खुद के कामयाबी से होती है.

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लक्ष्य के लिए घर से 40 किलोमीटर दूर रहे

कोमल को पता था कि अगर मंजिल फतेह करनी है तो इसके लिए सबसे पहले सामाजिक ताने-बाने से दूर होकर एकाग्र में पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करना होगा. इसलिए वह अपने माता-पिता के घर से करीब 40 किलोमीटर दूर एक गांव में जाकर रहने लगे कोमल उसी गांव के एक प्राइमरी स्कूल में शिक्षक के रूप में कार्य करने लगी. कोमल ने गांव के बारे में बताते हुए कहा कि वह गांव इस कदर पिछड़ा हुआ था कि वहां ना तो कोई अंग्रेजी में अखबार आता था और ना ही कोई मैगजीन. उस समय उनके पास इंटरनेट की सुविधा भी उपलब्ध नहीं थी कोमल प्रत्येक रविवार को गांव से करीब 150 किलोमीटर दूर अहमदाबाद ऑप्शनल सब्जेक्ट की कोचिंग लेने के लिए जाते थे.

चौथे प्रयास में मिली मंजिल

आप सभी तो जानते ही होंगे कि यूपीएससी देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है इस परीक्षा में सफलता पाना इतना आसान नहीं है. कोमल को यूपीएससी में तीन बार असफलता मिली हालांकि उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी और निरंतर प्रयास करते रहे. तीन बार मिली असफलता के बाद उन्होंने अपनी स्ट्रेटजी और रणनीति बदली आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई. उन्होंने चौथे प्रयास में साल 2012 में यूपीएससी में सफलता हासिल की. उन्होंने बताया कि यूपीएससी की तैयारी के दौरान एक भी छुट्टी नहीं ली. जब वह इंटरव्यू देने के लिए पहली बार दिल्ली गई तब वह शनिवार को स्कूल में पढ़ा कर गुजरात से दिल्ली के लिए रवाना हुई और सोमवार को उन्होंने अपना इंटरव्यू दिया था.

सामाजिक तानाबाना को पीछे छोड़कर कोमल ने सफलता की एक नई मिसाल कायम किया

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