बिहार मे अब जमीन की नापी चेन से नहीं बल्कि ETS मशीन से होगी, जाने इसके फायदे

बिहार में सबसे ज्यादा आपराधिक घटनाएं जमीन से जुड़े विवाद के ही कारण होते हैं. सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी माना है कि बिहार में 60% अपराधिक मामले जमीन विवाद के कारण ही होते हैं. बिहार मैं मुख्य समस्याओं में से एक है जमीन विवाद विवाद की समस्या और इसे सुलझाने के लिए अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे जमीन मापी के तरीके को बिहार सरकार ने बदलने का फैसला किया है. मापी के लिए उपयोग की जाने वाली नई मशीन का नाम है इलेक्ट्रॉनिक टोटल स्टेशन (ईटीएस)। 

अमीन अब ETS से करेंगे जमीन का नापी

राज्य में अमीन अब जरीब की जगह ईटीएस से ही मापी का काम करेंगे। इसके लिए सभी कार्यालयों में ईटीएस उपलब्धता कराई जाएगी। पहले सर्वे शिविर में इसकी व्यवस्था होगी। आगे सभी 534 अंचलों में भी इसकी व्यवस्था होगी। (विवेक कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग).

नहीं आएगा 1 सेंटीमीटर का फर्क

बिहार में अब मशीन से निकलने वाली किरणें जमीन की मापी करेंगी। एक इंच और फूट की तो बात छोड़िए, एक सेमी का भी फर्क नहीं आएगा. इससे मापी का काम तो तेजी से होगा ही, किसी को गड़बड़ी की शिकायत नहीं होगी। अमीन साहब मापी में हेरफेर नहीं कर पाएंगे। सरकार नई व्यवस्था से मापी के लिए सभी अमीनों को ट्रेनिंग देगी.

नहीं पड़ेगी जरीब और कड़ी खींचने की जरूरत

बिहार सरकार के इस नई पहल के बाद लोगों को अब ना तो जरीब और कड़ी खींचने की जरूरत और न ही फीता ढीला पकड़ने की शिकायत। बस, अमीन मशीन को किनारे पर खड़ा कर देंगे और मापी करने वाले खेत के किनारे पर प्रिज्म रख देंगे।  बटन दबाते ही मशीन से किरणें निकलेंगी और प्रिज्म से प्रिज्म की दूरी रिकॉर्ड कर लेंगी। जीपीएस का भी उपयोग मापी के लिए होगा। खास बात यह है कि इस माध्यम से एक साथ 50 प्लॉटों की मापी की जा सकेगी। 

जमीन विवाद को लेकर बिहार में होती है बहुत घटनाएं

बिहार राज्य में जमीन विवाद को लेकर अपराधिक घटनाएं बहुत होती है ऐसा बिहार सरकार का भी मानना है. इसमें जमीन की मापी की गड़बड़ी आग में घी डालने का काम करती है. कागजी दस्तावेजों में दर्ज भूमि कुछ है और असल में कुछ और ही नजर आती हैं. इस कमी को दूर करने के लिए अत्याधुनिक प्रणाली इलेक्ट्रॉनिक टोटल स्टेशन (मशीन) खरीद की जा रही है. आपको बता दें कि राज्य सरकार ने जमीन का रिकॉर्ड दुरुस्त करने की कवायद में पहले ही लग चुकी है बिहार में जमीन का सर्वे होना है.

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