Renter verification online: अगर आप भी अपना घर, जमीन या दुकान किसी को किराए पर देते हैं, लेकिन किराएदार के बारे में जानकारी नहीं रखते तो संभल जाइए, क्योंकि आज के दौर में बिना वेरिफिकेशन के घर, जमीन, दुकान या मकान किसी को भी किराए पर देना रिस्की हो सकता है। इसलिए यह बेहद जरूरी है कि जब भी किसी को किराएदार रखे, तो उसके साथ एग्रीमेंट जरूर बनाएं। साथ ही उसका पुलिस वेरिफिकेशन भी जरूर कराएं क्योंकि प्रॉपर्टी पर अवैध कब्जे के मामले बीते कुछ सालों में काफी तेजी से बढ़े हैं। ऐसे में इस तरह के कानूनी पचड़े में फंसने से अच्छा है कि आप थोड़ी सी सतर्कता बरतें।
किराए पर देने से पहले जरूर कराएं पुलिस वेरिफिकेशन
जब भी अपनी प्रॉपर्टी को किसी को किराए पर दे, तो किराएदार के दस्तावेजों का वेरिफिकेशन जरूर कराएं। इससे यह भी सुनिश्चित हो जाता है कि जिन लोगों को आप अपना मकान या अपनी दुकान किराए पर दे रहे हैं, वो कैसे व्यक्ति हैं। कहीं उनका कोई अपराधिक रिकॉर्ड तो नहीं। बता दे किराएदार का पुलिस वेरिफिकेशन स्थानीय पुलिस प्राधिकरण द्वारा किया जाता है।
ऑनलाइन(Renter verification online) या ऑफलाइन किसी भी तरीके से कराएं पुलिस वेरिफिकेशन
किराएदार का पुलिस वेरिफिकेशन ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से किया जा सकता है। आप अपनी सहूलियत के हिसाब से इसे करा सकते हैं। हालांकि बता दें कि दोनों ही मामलों में किरायेदार सत्यापन फॉर्म भरना जरूरी होता है और सभी जरूरी दस्तावेज भी साथ में जमा करने होते हैं।
Renter verification online: इसके लिए सबसे पहले आपको पुलिस विभाग की ऑनलाइन पोर्टल वेबसाइट पर जाना होता है और यहां पर किरायेदार सत्यापन फॉर्म को डाउनलोड कर उसे भरना होता है। इसमें किराएदार के विवरण के साथ मांगी गई मूल जानकारी का ब्यौरा भी देना होता है। नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल पता, वर्तमान पता सहित सारी जानकारी देनी होगा। साथ ही राज्य में पुलिस विभाग द्वारा दी गई इस सुविधा के जरिए भी आप सत्यापन करवा सकते हैं।
पुलिस वेरीफिकेशन के दौरान इन बातों का रखें ध्यान
वेरीफिकेशन फॉर्म भरने के बाद इसे ऑनलाइन ही वेबसाइट पर सब्मिट करना होता है। हालांकि कुछ पुलिस विभाग प्राधिकरण की साइड पर फॉर्म ऑनलाइन जमा करने की परमिशन नहीं देते है। ऐसी स्थिति में आपको स्थानीय पुलिस स्टेशन में जाकर ही फॉर्म जमा करना होगा। बता दें की वेरिफिकेशन फॉर्म के साथ किराएदार और मकान मालिक के पहचान पत्र प्रमाण पत्र, रेंट एग्रीमेंट और फोटो आदि भी जमा होते हैं। किराएदार का वेरिफिकेशन करने से उसके अपराधिक रिकॉर्ड का पता चल जाता है, जिससे मालिक को किसी भी तरह की धोखाधड़ी या नुकसान से बचने में मदद मिलती है।
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