बुलंद हौसला और सच्ची लगन इंसान को बड़े से बड़े ओहदे तक ले जा सकती है. इसी मिसाल का उदाहरण हैं IAS अधिकारी आरती डोगरा. इनका बचपन काफी कठिनाइयों से गुजरा इसके बावजूद आरती डोगरा ने वह मुकाम हासिल किया जिसके बारे में कई लोग कल्पना तक नहीं कर सकते हैं. आज हम आपको बताएंगे IAS आरती डोगरा की जुनून और संघर्ष पूर्वक कहानी के बारे में जिन्होंने अपने जुनून के आगे अपनी छोटे कद को कभी आड़े आने नहीं दिया.
आरती डोगरा मूलरूप से उतराखंड के दून स्थित विजय कॉलोनी की रहने वाली हैं. उनका बचपन कापी संघर्षपूर्ण था क्योंकि उनकी हाइट महज 3 फुट 2 इंच है. बचपन में डॉक्टर ने कहा था कि वह सामान्य स्कूल में नहीं पढ़ पाएंगी. लेकिन, आरती के पिता कर्नल राजेन्द्र डोरा सेना में अधिकारी थे और मां कुमकुम स्कूल में प्रिंसिपल. दोनों ने हिम्मत नहीं हारी और उनके जुनून ने आरती डोगरा को हौसला प्रदान किया.
आरती मूल रूप से उत्तराखंड के देहरादून के रहने वाली हैं. उनके पिता कर्नल राजेंद्र डोरा सेना में अधिकारी थे और उनकी माता श्रीमती कुमकुम डोगरा एक स्कूल प्रिंसिपल है. आरती डोगरा का जिंदगी काफी संघर्षपूर्ण था क्योंकि उनकी हाइट महज 3 फुट 2 इंच है. आरती के माता-पिता को उनकी शारीरिक कमजोरी के बारे में डॉक्टर ने जन्म के समय ही बता दिया था.
इसके बावजूद उनके माता-पिता ने हिम्मत नहीं हारी और आरती को उन्होंने स्कूल में भेजना शुरू किया. स्कूल में भेजने के साथ साथ-साथ ही उन्होंने खेलकूद और अन्य गतिविधियों के लिए भी आरती को तैयार किया. आरती डोगरा के बचपन से शारीरिक समस्या के बावजूद उनके पिता ने सिंगल चाइल्ड की तरह आरती की देखभाल की.
स्कूल से निकलने के बाद आरती डोगरा दिल्ली यूनिवर्सिटी के लेडी श्रीराम कॉलेज में पढ़ाई करने के लिए पहुंचे. यहां उन्होंने छात्र राजनीति में भी हिस्सा लिया और छात्र संघ चुनाव में जीते ग्रेजुएशन पूरी करने के बाद आरती ने पीजी की पढ़ाई अपने ही शहर देहरादून से कि यहां पर उनकी मुलाकात देहरादून की तत्कालीन कलेक्टर मनीषा से हुई और वहीं से आरती डोगरा की जिंदगी बदल गई.
पहले प्रयास में बनी IAS
आरती ने बताया कि देहरादून के तत्कालीन कलेक्टर मनीषा ने ही उन्हें कलेक्टर बनने के लिए प्रेरित किया और उसके बाद आरती ने तय किया कि वह कलेक्टर बनेगी आरती के परिवार वालों ने भी इस फैसले में उनका साथ दिया. जब आरती इंटरव्यू के लिए गई थी गई थी तो वह पूरी तरह से नर्वस थे हालांकि वहां पर लोगों ने उनका सहयोग किया उनका इंटरव्यू काफी अच्छा गया और वह पहले ही प्रयास में कलेक्टर बन गई.
आरती डोगरा 2006 बैच के आईएएस ऑफिसर राजस्थान में रहते हुए आरती डोगरा ने कई अद्भुत काम किए जिसके कारण उन्हें खूब तारीफें मिले लेकिन आरती डोगरा ने बॉलीवुड के इस डायलॉग को सच साबित कर दिया कि अगर किसी चीज को दिल से पाने की कोशिश की जाए तो पूरी कायनात उसे मिलाने में जुट जाती है.
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