बैंक की नौकरी छोड़ करने लगा बागवानी, आज अमरूद की खेती से होती है 50 लाख की कमाई

एक कहावत है, ‘ जहां चाह वहाँ राह’। कुछ ऐसी ही कहानी है हरियाणा के सोनीपत (Sonipat News in Hindi) के एक युवक की। ऐसा लगता है यह मुहावरा उन्हें ही ध्यान में रखकर बनाया गया हो। आज जब युवाओं में नौकरी का जबरदस्त क्रेज है, ऐसे में इस युवक ने बैंक की जमी-जमाई नौकरी को छोड़ दिया और कुछ नया करने की ठानी। कुछ नया और अलग करने की चाहत में इस युवक ने अपने खेतों में अमरूद की बागवानी शुरू की, और आज वे अपनी सैलरी (Salary) के मुकाबले 4 गुना ज्यादा रूपये की कमाई कर रहे हैं।आसपास के युवा उनसे प्रेरणा लेते हैं और बागवानी के तरीके सीखते हैं।

कोरोना महामारी के बाद के जैविक सब्जियों और फलों को लोग पसंद कर रहे हैं। कोरोना संक्रमण से उत्पन्न हुए हालात से बहुत से युवाओं से उनका रोजगार छीन गया। लेकिन कई युवा ने अपनी नौकरी गंवाने या तबादला के बाद नौकरी छोड़ दी और अपने हूनर् को पहचाना। उन्होंने अपने प्रयासों से कामयाबी हासिल कर लोगों के लिए प्रेरणास्रोत बन गए है, और उन्हें देखकर लोगो की सोच बदली है कि वे नौकरी करने की बजाय अन्य युवाओं को नौकरी भी दे सकते हैं। आज हम आपको सोनीपत एक छोटे से गांव से शहजादपुर के युवा किसान कपिल की सफलता की कहानी से रु -ब-रु कराने जा रहे हैं।

बैंक में अच्छी खासी नौकरी करता था कपिल

कोरोना काल से पूर्व कपिल एक प्राइवेट बैंक में नौकरी करते थे, लेकिन लेकिन कोरोना के कहर शुरू होने के बाद उन्हें सोनीपत से इसका ट्रांसफर गुजरात कर दिया गया। लेकिन कपिल ने गुजरात जाने की बजाय अपना खुद का बिजनेस शुरू करने के बारे में सोचे और अपने खेतों में जैविक अमरूद की बागवानी शुरू कर दी। उनका यह कारोबार सफल रहा और नौकरी की तुलना मे 4 गुना ज्यादा कमाई होने लगी। बैंक में हर महीने उन्हें एक लाख की सैलरी मिलती थी लेकिन अमरूद के बागों से अब उन्हें हर महीने तकरीबन 4 लाख और सालाना 45-50 लाख रुपये की आमदनी होने लगी।

सोनीपत  युवा  किसान कपिल

बाग में विभिन्न किस्म के अमरूद हैं

कपिल के बबाग में 8 किस्म के अमरूद उगाए जाते हैं, इसकी क्वालिटी ताइवान के अमरूदों को भी मात दे रही है। कपिल को अमरूद की बिक्री के लिए सब्जी मंडी भी जाने की जरूरत नहीं पड़ती , क्योंकि खरीदार बाग़ से ही अमरूदों की खरीदारी कर लेते हैं।

सोनीपत  युवा  किसान कपिल

कपिल ने छोड़ दी नौकरी – कपिल बताते हैं कि वे बैंकिंग सेक्टर में नौकरी करते थे लेकिन गुजरात तबादला के बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी, और अपना बिजनेस शुरू करने के लिए अमरूद की बागवानी शुरू कर दी। अपने बाग़ में उन्होंने ताइवान और अन्य किस्म के अमरूदों के पौधे लगाए, जिसमें अब फल लग चुके हैं। देखते ही देखते उन्हें लाखों की कमाई होने लगी, जो उनके बैंक की सैलरी से 4 गुना ज्यादा है।

बाग में अमरूद की 8 किस्में– कपिल बताते हैं कि उनके बाग़ में 8 किस्म के अमरूद के पौधे हैं, वे अपने अमरूद को मंडी में नहीं ले जाते बल्कि खरीदार उनके भाग से ही इसे खरीदकर ले जाते हैं। कपिल अपने बाग़ में अमरूद की खेती के साथ-साथ नींबू की खेती भी कर रहा है लेकिन इस इस जैविक निंबू को सब्जी मंडी में नहीं बेचते हैं बल्कि वे इसका अचार बनाकर काफी मुनाफा कमा रहे हैं।

Manish Kumar