Saturday, June 3, 2023

बिहार: एक प्रसव के मात्र छह घंटे बाद पहुंची इंटर का पेपर देने, दूसरे ने तो परीक्षा के दौरान ही….

Corona महामारी के बीच बिहार में इस समय इंटर के परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है। इस परीक्षा के दौरान दो चौकानेवाली घटना सामने आई है। जिसके बाद लोग उनकी हौसलों को सलाम कर रहे हैं।

पहला मामला सारण जिले के तरैया का है यहां प्रसव के महज 6 घंटे बाद एक छात्रा ने इंटर की परीक्षा दी है। इसी जिले में एक अन्य केंद्र पर प्रसव पीड़ा के बाद छात्रा को अस्पताल ले जाया गया जहां उसने बच्चे को जन्म दिया।

6 घंटे पहले जन्मी बच्ची को लेकर पहुंची परीक्षा देने

मिली जानकारी के अनुसार नारायणपुर गांव निवासी कुसुम कुमारी इंटर की परीक्षार्थी है। परीक्षा के दूसरे दिन मंगलवार को उसे प्रसव पीड़ा हुई। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, मंगलवार को ही सुबह उसने सामान्य रूप से बच्चे को जन्म दिया। फिर छात्रा प्रसव के केवल छह घंटे बाद ही नवजात बच्चे को साथ लेकर इंटर की परीक्षा देने परीक्षा केंद्र पर चली गई।

पिछले साल ही हुई थी कुसुम की शादी

आपको बता दें कि जगतपुर निवासी राजदेव राय की पुत्री कुसुम कुमारी की शादी पिछले साल ही नारायणपुर निवासी मलिक राय से हुई थी। उन्होंने ससुराल आकर भी पढ़ाई जारी रखते हुए इंटर का फॉर्म बनने के समय मायके जाकर डुमर्सन स्थित हाई स्कूल से परीक्षा का फॉर्म भरा था। शादी के समय कुसुम इंटर की पढ़ाई कर रही थी।

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परीक्षा से ठीक पहले वाली रात शुरू हो गई प्रसव पीड़ा

आपको बता दें कि कोरोना महामारी के बीच बिहार में परीक्षाओं का सिलसिला चल रहा है। इंटर की परीक्षा 1 फरवरी से शुरू हुई है। कुसुम कला संकाय के छात्रा हैं उनका पहला पेपर 2 फरवरी को होना था लेकिन परीक्षा के एक रात पहले ही उन्हें प्रसव पीड़ा हुई। इसके वजह से परिजनों ने आनन-फानन में आज सुबह रेफरल अस्पताल तलैया में भर्ती कराया अस्पताल पहुंचने के तुरंत बाद ही कुसुम ने एक पुत्री को जन्म दिया।

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विशेष परिस्थिति देखते हुए अस्पताल ने किया डिस्चार्ज

इसके बाद कुसुम ने एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया बच्ची को जन्म देने के बाद कुसुम को परीक्षा की चिंता हुई इसके बाद उनके परिजनों ने तुरंत वाहन करके छपरा स्थित गांधी हाई स्कूल के सेंटर पर पहुंचाने का योजना बनाया। इस विशेष परिस्थिति को देखते हुए अस्पताल ने भी तुरंत उन्हें डिस्चार्ज कर दिया।

कुसुम के जज्बे की सराहना कर रहे हैं लोग

यह पढ़ने का इरादा ही है जो मुश्किल वक्त में भी कुसुम को नहीं रोक सके। कड़ाके की ठंड के बावजूद ऐसी परिस्थिति में भी कुसुम ने अपनी नवजात बच्ची के साथ परीक्षा में शामिल होने को लेकर क्षेत्र भर इस बात की चर्चा रही। लोग कुसुम के जज्बे की सराहना करते दिखे।

खुद से पढ़ कर बच्चे दे रहे हैं परीक्षा

आपको बता दें कि कोरोना महामारी के चलते बिहार में अप्रैल से दिसंबर तक सभी स्कूल और कोचिंग पूरी तरह से बंद ही रहे। ऐसे में इंटर की परीक्षाएं शुरू हो गई कोरोनावायरस के चलते छात्र-छात्राओं ने ज्यादातर ऑनलाइन क्लासेज की और कुछ खुद से ही परीक्षा की तैयारी की है। ऐसे में छपरा की दो छात्राओं का उदाहरण ज्यादा ही प्रभावी हो जाता है।

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