Thursday, November 30, 2023

पिता करते थे कोयले की खदान में काम, बेटा सरकारी स्कूल मे पढ़ बन गया डीएसपी

झारखंड के एक ऐसे गांव में रहने वाला लड़का जहां कई सालों से बिजली तक नहीं पहुंची। उसके पिता कोयले की खदान में मजदूरी का काम करते थे लेकिन विषम परिस्थितियों के बावजूद जिस लड़के को पढ़ने लिखने के लिए कभी अच्छा स्कूल भी नहीं मिल पाया आज वह डीएसपी बन गया है। हम बात कर रहे हैं किशोर कुमार रजक की जो झारखंड के बोकारो के रहने वाले हैं।

परिवार को आर्थिक दिक्कतों से करना पड़ा संघर्ष

किशोर का जन्म एक गरीब परिवार में हुआ था, जो कि पूरा बचपन संघर्षों में ही बिता। उन्हें अपनी पढ़ाई के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा उनके पिता घर चलाने के लिए कोयला खदान में काम किया करते थे। कोयले की खदान में काम करके किशोर के पिता इतने पैसे तो नहीं कमाते थे कि अपने बेटे को बहुत बड़े स्कूल में दाखिला करवा सके फिर भी उन्होंने मजदूरी करके अपने बेटे को पढ़ाया जिससे उसका भविष्य बेहतर हो सके।

सरकारी स्कूल से की शुरुआती पढ़ाई

घर की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण Kishor अपने शुरुआती पढ़ाई गांव के सरकारी स्कूल से शुरू की। आपको तो पता है कि कुछ ऐसे राज्य हैं जहां सरकारी स्कूलों की हालत क्या है सरकारी स्कूलों में अधिकतर शिक्षक अनुपस्थिति रहते हैं और जो भी उपस्थित रहते हैं वह बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान नहीं देते। लेकिन किशोर कुमार रजक इस विषम परिस्थिति में रहने की आदत हो गई थी।

 
whatsapp channel

स्कूली परीक्षा में अच्छे नंबर से हुए पास किशोर ने बताया कि उन्होंने स्कूली शिक्षा अच्छे से की बोर्ड परीक्षा में भी उनके बहुत अच्छे अंक आए। इसके बाद उन्होंने ग्रेजुएशन की लेकिन वह तीसरे प्रयास में असफल हो गए। लेकिन फिर भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी इसके बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। यूपीएससी की तैयारी के लिए उन्हें पैसे चाहिए थे और उन्हें दिल्ली भी जाने की जरूरत थी।

बच्चों को ट्यूशन पढ़ा कर किया गुजारा

यूपीएससी की तैयारी के लिए किशोर दिल्ली चले आए दिल्ली में रहकर उन्होंने कुछ बच्चों को ट्यूशन पढ़ाया धीरे-धीरे ट्यूशन में बच्चों की संख्या बढ़ने लगी। जिससे उनके दिल्ली में गुजारा करने का इंतजाम भी हो गया और इससे उनकी आर्थिक हालत भी ठीक हो गए।

google news

पहले ही प्रयास में टेस्ट किया पास

विषम परिस्थितियों के बावजूद किशोर ने हार नहीं मानी और उन्होंने दिल्ली में यूपीएससी की तैयारी करके परीक्षा दी और किशोर की मेहनत पहले ही प्रयास में रंग लाए। उनका चयन असिस्टेंट कमांडेंट के तौर पर हुआ इसके बाद वह डीएसपी बने किशोर कुमार रजक की सफलता उनके पूरे गांव के लिए सफलता का स्रोत बन गई। किशोर ने कहा कि युवाओं को हमेशा मेहनत करनी चाहिए ताकि अपने और परिवार का भविष्य बेहतर बना सके। किशोर के पिता बचपन में हमेशा कहते थे कि मेरा बेटा बड़ा होकर कलेक्टर बनेगा।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
3,912FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest Articles