DRDO की बनाई गज़ब की सब मशीनगन, दागती है एक मिनट में 700 गोलियां !

रक्षा अनुसंधान और विकास संस्थान (DRDO) की डिजाइन की गई सब-मशीन गन रक्षा मंत्रालय के ट्रायल में गुरुवार को पास हो गई। लिहाजा गन के सेना, पुलिस और आर्म्ड फोर्सेज में शामिल किए जाने का रास्ता साफ हो चुका है। 

बयान में उल्लेख किया गया कि डीआरडीओ द्वारा विकसित 5.56×30 mm की यह गन सेमी ऑटोमेटिक है और गैस से चलेगी। यह एक मिनट में 700 राउंड फायर करेगी। सब-मशीन गन से 100 मीटर से ज्यादा निशाना लगाया जा सकेगा। समें कहा गया कि अंतिम चरण का प्रायोगिक परीक्षण सोमवार को किया गया जिसमें सभी जरूरी मानक प्राप्त कर लिए गए.

राज्य पुलिस द्वारा खरीद की कार्रवाई शुरू

रिपोर्ट के अनुसार जेवीपीसी ने DGQA द्वारा किए गए गुणवत्ता परीक्षणों के अलावा विश्वसनीयता और सटीकता के कड़े मानदंडों को सफलतापूर्वक पूरा किया है. इसकी विश्वसनीयता पर कोई संदेह नहीं है. वहीं यह लो रिकॉइल, रिट्रेक्टेबल बट, एग्रोनॉमिक डिजाइन और एक हाथ से ही फायरिंग करने की क्षमता जैसी प्रमुख विशेषताओं के साथ लगभग इसका वजन 3 किलो है.

आपको बता दें कि DGQA रक्षा मंत्रालय के तहत ही काम करता है गृह मंत्रालय ने कहा कि इस हथियार को मंत्रालय के द्वारा हरी झंडी मिल चुकी है और विभिन्न राज्य पुलिस संगठनों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों द्वारा खरीद की कार्रवाई शुरू की गई है.

GASQR के आधार पर यह कार्बाइन डिजाइन किया गया

इस हथियार के ट्रायल का आखरी चरण सोमवार को पूरा हुआ. बयान में कहा गया है, ‘यह उपयोगकर्ता परीक्षण की एक श्रृंखला का अंतिम चरण था, जो गर्मियों में अत्यधिक तापमान की स्थिति और सर्दियों में उच्च ऊंचाई पर किया जाता है। डीआरडीओ ने बुधवार को अपनी दो प्रयोगशालाओं के बीच संचार का यह परीक्षण किया था. पुणे स्थित DRDO की लैब आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (ARDE) ने भारतीय सेना के GASQRके आधार पर यह कार्बाइन डिजाइन किया गया है.

आपको बता दें कि काफी समय से कार्बाइन की तलाश सेना कर रही थी हाल ही में इसका टेंडर आखिरी चरण में अटक गया था. गौरतलब है कि देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लखनऊ में डेफएक्सपो 2020 के दौरान 5.56×30MM जेवीपीसी का अनावरण किया था.

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