कभी चलाई बैलगाड़ी, फिर अपने मेहनत के बदौलत बने एयरलाइंस के मालिक

बैलगाड़ी हांकने वाला एक आदमी अपने जीवन में कहां तक पहुंच सकता है? वो अच्छा किसान हो सकता है, शायद व्यापारी भी बन जाए पर क्या कोई उम्मीद कर सकता है कि बैलगाड़ी हांकने वाला साधारण सा लड़का एक दिन देश की सबसे सस्ती एयरलाइंस का मालिक भी बनेगा?  दरअसल हम बात कर रहे हैं कैप्टन गोपीनाथन की. कैप्टन गोपीनाथन वो शख्स है जिन्होंने देश के आम से आम आदमी के लिए हवाई सफर को सस्ता बनाया. लेकिन उनकी इस सफलता का सफर इतना आसान भी नहीं था.

कर्नाटक के रहने वाले हैं

गोपीनाथन का जन्म साल 1951 में कर्नाटक के गोरूर के छोटे से गांव में हुआ था. उनके पिता शिक्षक के साथ-साथ कन्नड़ उपन्यासकार भी थे. गोपीनाथन 8 भाई-बहन थे. परिवार बड़ा होने के कारण उनके पिता सभी की जरूरत को पूरा करने में काफी कठिनाइयां आती थी. गोपीनाथन की पढ़ाई वहीं हुई. इसके बाद उन्होंने साल 1968 में सिपाही बनने के लिए बीजापुर स्थित सैनिक स्कूल में एडमिशन लिया. जिसके बाद उनका चयन भारतीय वायु सेना में हुआ. भारतीय वायु सेना में उन्होंने 8 साल काम किया हालांकि, 28 साल की उम्र में वह रिटायर हो गए. इसके बाद उन्होंने कई नौकरी तलाश की लेकिन सफलता नहीं मिली.

पत्नी के सारे ज्वेलरी और दोस्तों की मदद से खड़ा हुआ एयरलाइंस कंपनी

उन्होंने नौकरी तलाशी पर उन्हें कहीं नौकरी नहीं मिली. इसके बाद उन्होंने डेयरी फार्मिंग सहित अन्य व्यापार करना चाहिए लेकिन सभी क्षेत्रों में उनको निराशा ही हाथ लगी. इसके बाद गोपीनाथ एयरलाइन से संबंधित कुछ बड़ा करने की सोच रहे थे. लेकिन इसके लिए उनके पास पैसों की कमी आ रही थी. लेकिन उनकी पत्नी ने सारी ज्वेलरी और उनके दोस्तों ने अपनी FD से पैसा निकाल कर उनके बिजनेस के लिए दिया. जिसके बाद कैप्टन गोपीनाथ ने साल 1996 में एक चार्टर्ड हेलीकॉप्टर सेवा शुरू की उन्होंने इसका नाम डेक्कन एविएशन रखा.

साल 2003 में 48 सीटों और दो इंजन वाले छह फिक्स्ड विंग टॉप प्रोफ हवाई जहाज के बेड़े के साथ एयर डेक्कन की स्थापना की. आपको बता दें कि पहली उड़ान इस एयरलाइन से हुबली से बेंगलुरु के बीच भरी गई थी हालांकि शुरुआती दिनों में 1 से 2000 लोग सफर कर रहे थे लेकिन आने वाले सालों में 20,000 से ज्यादा लोग सफर करने लगे

इस विमान की सबसे खास बात थी कि आन एयरलाइंस की तुलना में यात्रियों को कम पैसे में टिकट मिलती थी. उन्होंने अपने यात्रियों को 24 घंटे कॉल सेंटर की सेवा उपलब्ध की, ताकि वे कभी भी टिकट बुक कर सकते हैं. ये सब भारत में पहली बार हुआ था. 

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