26 साल की उम्र में जज बनकर आदर्श त्रिपाठी ने पूरा किया अपने दादाजी का सपना,12वीं में गणित मे आए थे मात्र 39 अंक

उम्र देखकर कभी भी किसी के हुनर को नहीं पहचाना जा सकता है. एक कम उम्र का हुनरबाज़ भी कामयाबी की बुलंदियों को छू सकता है. आज हम आपको एक ऐसे ही व्यक्तित्व के बारे में बताने जा रहे हैं. लखनऊ के रहने वाले आदर्श त्रिपाठी अपने बैच के सबसे युवा न्यायाधीश हैं. उन्होनें मात्र 26 साल की उम्र में न्यायाधीश के पद को प्राप्त किया. परीक्षा में दूसरी रैंक से उत्तीर्ण करने के बाद आदर्श ने यह पद हासिल किया. एक साक्षात्कार में उन्होनें कहा कि उन्होनें न्यायाधीश बनकर अपने दादाजी का सपना पूरा किया है.

कौन हैं आदर्श त्रिपाठी?

ADARSH TRIPATHI

आदर्श त्रिपाठी लखनऊ के रहने वाले हैं. उनका जन्म 18 जनवरी,1995 को लखनऊ में ही हुआ था. आदर्श के पिता अनिल त्रिपाठी पेशे से रियल एस्टेट के कारोबारी हैं.इसके साथ ही समाजसेवा में भी काफी योगदान देते हैं. आदर्श की माँ सीमा त्रिपाठी एक गृहणी हैं. आदर्श 3 भाइयों में सबसे बड़े हैं. उनके दो छोटे भाई हैं जिनका नाम शिवम् त्रिपाठी और नमन त्रिपाठी है. आदर्श की प्रारम्भिक पढ़ाई लखनऊ के दिल्ली पब्लिक स्कूल से हुई है. दोस्त के साथ, उन्होनें भी 12 वीं में साइंस स्ट्रीम से पढ़ाई की.

12वीं की बोर्ड परीक्षा में उनके 63.4 % अंक आएँ,लेकिन गणित में मात्र 39 अंक मिलें. हालंकि इतने कम अंक आने पर भी आदर्श हतोत्साहित नहीं हुएँ. एक दोस्त के समझाने पर उन्होनें क्लैट का फॉर्म भरकर, इस परीक्षा की तैयारी करनी शुरू कर दी. साल 2012 में अपने पहले प्रयास में ही आदर्श ने ये परीक्षा उत्तीर्ण कर ली. इसके बाद इन्होनें पटना के चाणक्य राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में दाखिला लिया और पढ़ाई शुरू कर दी.

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सीनियर्स से मिली प्रेरणा,तैयारी के लिये पहुँच गएँ दिल्ली

AADARSH TRIPATHI

साल 2012 से 2017 तक आदर्श ने विश्वविद्यालय के शिक्षकों से मार्गदर्शन प्राप्त किया. विश्वविद्यालय के कई सीनियर्स जुडिशियरी एग्जाम में उत्तीर्ण हो चुके थे. उन्ही से आदर्श को भी प्रेरणा मिली. आदर्श ने कॉलेज के बाद साल 2017 में तैयारी करने के लिए दिल्ली का रुख कर लिया. दिल्ली के मुख़र्जी नगर में आदर्श ने Rahul’s IAS नाम के एक कोचिंग में दाखिला ले लिया. साल 2018 में आई यूपी जुडिशरी की VACANCY के लिए आदर्श ने आवेदन भर दिया. लेकिन इस परीक्षा के इंटरव्यू में उनका सिलेक्शन नहीं हुआ. उत्तराखंड की परीक्षा में भी आदर्श असफल रहे. लकिन साल 2019 में आई सुप्रीम कोर्ट लॉ क्लर्क कम रिसर्च असिस्टेंट की परीक्षा में वो सफल हुए. इसके साथ ही उन्हें सुप्रीम कोर्ट के माननीय न्यायाधीश कृष्ण मुरारी जी के साथ लॉ रिसर्चर का काम करने का भी सुनहरा मौका मिला.

2020 में दिया दूसरा अटेम्प्ट, दूसरी रैंक के साथ पूरा किया दादाजी का सपना

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आदर्श ने साल 2020 में दुबारा से उत्तराखंड जुडिशरी की परीक्षा दी. इस बार वो दूसरी रैंक के साथ सफल हुए. वर्तमान में आदर्श नैनीताल के उत्तराखंड जुडिशियल एंड लीगल अकादमी, भवानी में अपनी ट्रेनिंग कर रहे हैं. आदर्श अपने माता-पिता को इस सफलता का श्रेय देते हैं. उन्होनें कहा कि उनके दादाजी स्वर्गीय राम नरेश त्रिपाठी जी इंटर कॉलेज में लेक्चरर थे. 2012 में जब आदर्श का दाखिला पटना के चाणक्या लॉ कॉलेज में हुआ, तब यूँ ही उनके दादाजी ने कह दिया था कि उनका सपना है कि उनका पोता न्यायाधीश बनें. उसके 8 साल बाद आदर्श ने अपने दादाजी का सपना पूरा कर दिखाया है.

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