मिथिलांचल-सीमांचल को मिली बड़ी सौगात, इन स्टेशनों के बीच 122 किमी/घंटे की रफ्तार से दौडेगी ट्रेन

बिहार (Bihar) के मधुबनी (Madhubani) के झंझारपुर (jhanjharpur) में पूर्व मध्य रेलवे (East Central Railway) द्वारा निर्मित स्टेशन निर्मली व तमोरिया के बीच मंगलवार को रेल इंजन स्पीड ट्रायल (Rail Engine Speed Trial) किया गया। पूर्वी रेलवे के एस रेलवे ट्रायल से लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई है। रिपोर्ट के मुताबिक इस ट्रायल के दौरान 122 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से इंजन को पटरी पर दौड़ाया गया। 24 किलोमीटर की दूरी 13 से 14 मिनट में तय की गई। वही वापसी के दौरान भी रेल इंजन की स्पीड यही रही। रेल इंजन के पटरी पर दौड़ने के बाद 19 फरवरी को सीआरएस का निरीक्षण किया जाएगा, जिसकी जानकारी खुद रेलवे अधिकारी ने साझा की है।

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122 की स्पीड से दौड़ा रेल इंजन

जानकारी के मुताबिक रेल इंजन ट्रायल को लेकर लोगों में खुशी की लहर है। तमोरिया से निर्मली स्टेशन पर रेल इंजन की झलक देखने के लिए लोग भारी तादाद में इकट्ठा हुए। इस दौरान दौरान 122 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से इंजन को पटरी पर दौड़ाया गया। स्पीड ट्रायल के बाद सीआरएस निरीक्षण की तिथि निर्धारित कर ली गई है। साथ ही आने जाने वाले लोगों के लिए जल्द ही इस रेल पटरी पर दरभंगा झंझारपुर निर्मली होते हुए फारबिसगंज के रास्ते में लाइन चालू किए जाने की उम्मीद जताई जा रही है।

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गौरतलब है कि मिथिलांचल एवं सीमांचल को आपस में जोड़ने वाला यह रेलखंड साल 1934 से बंद है। वही इस रेल परियोजना की संशोधित लागत करीबन 6 करोड रुपए से अधिक की है। रेलखंड में 20 से अधिक बड़े और 100 के करीब लघु पुल का निर्माण कार्य भी किया गया है। मिथिलांचल एवं सीमांचल के रेल नेटवर्क जुड़ाव से करीबन 30 लाख की आबादी को ना सिर्फ इसका लाभ मिलेगा साथ ही रोजगार के भी नए आयाम खुलेंगे।

मालूम हो कि इस रेलखंड को एक बार फिर से चालू करने के लिए साल 2012 में आमान परिवर्तन का काम शुरू कर दिया गया है। मालूम हो कि 10 सालों में आमान परिवर्तन के तहत इस रेलखंड में ट्रैक बिछाने से लेकर रेलवे निर्माण व सुधार कार्य जल्द ही शुरू कर दिया जायेगा। इसके साथ ही झंझारपुर से निर्मली- सहरसा तक की करीब 30 लाख आबादी जल्द ही आने वाले समय में इससे जुड़ जायेगी।

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