बिहार मे भ्रष्टाचारियों की खैर नहीं ! रिश्वत लेने पर होगी 5 से 7 साल की जेल, आ रहा है नया कानून ! जाने

Bihar News: बिहार में भ्रष्टाचार और माफिया राज पर लगाम लगाने के लिए नीतीश सरकार ने तैयारी कर लिया है. नीतीश सरकार बिहार में भ्रष्टाचारियों और माफिया राज पर अंकुश लगाने के लिए नया कानून लाएगी. अब भ्रष्टाचार को गंभीर अपराध के श्रेणी में रखकर भ्रष्टाचारियों पर अंकुश लगाया जाएगा. इसे संबंधित विधेयक विधानमंडल के चालू बजट सत्र में लाया जाएगा.

भ्रष्टाचारियों पर अंकुश लगाने की तैयारी में सरकार: Bihar News

मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में राज्य मंत्री परिषद की बैठक में भ्रष्टाचार और माफिया राज पर सख्त कार्रवाई करने वाले कानून के प्रारूप को स्वीकृति दी गई है. इस बैठक में टोटल पांच प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई.

मंगलवार को विधानसभा के कार्यवाही समाप्त होने के बाद हुई राज्य मंत्री परिषद की बैठक में गृह विभाग ने विभागों में होने वाले भ्रष्टाचार के साथ ही राज्य की परियोजनाओं में माफिया तत्वों के द्वारा होने वाले भ्रष्टाचार को रोकने के लिए नए कानून के प्रारूप को सौंपा.

बैठक के बाद कैबिनेट सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राज्य के सरकारी महकमे में होने वाले गड़बड़ियों के साथ ही माफिया तत्वों से निपटने के लिए सरकार नया कानून लाने की योजना बनाई है. नया कानून प्रभावी होने के बाद भ्रष्टाचार को गंभीर अपराध की श्रेणी में रखा जाएगा और सख्त से सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.

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भ्रष्टाचार को रोकने के लिए प्रस्तावित कानून पहले की अपेक्षाकृत अब ज्यादा सख्त होगा. अब किसी भी तरह के भ्रष्टाचार को गंभीर अपराध की श्रेणी में रखकर कार्रवाई की जाएगी. अपराध की सजा 5 से 7 साल की जेल के बीच निर्धारित की गई है. अब रिश्वतखोरी को भी गंभीर अपराध माना जाएगा और रिश्वत लेने पर कड़ी सजा का प्रावधान किया जाएगा.

इन तीन एजेंसियों की बढ़ाई जाएगी ताकत

बता दें कि राज्य में पहले से भ्रष्टाचार से निपटने के लिए तीन एजेंसियां काम कर रही है. इसमें आर्थिक अपराध इकाई, निगरानी ब्यूरो और विशेष निगरानी इकाई है. इन तीनों एजेंसियों के पास पहले से काफी ज्यादा शक्तियां दी गई है, वहीं इन जांच एजेंसी की शक्तियां और भी ज्यादा बढ़ाया जा सकता है. इसके अलावे नई जांच एजेंसी को लेकर भी मामला नए कानून में प्रस्तावित है. विधानसभा के चालू सत्र में गृह विभाग की प्रस्तावित इस नए कानून को पेश किया जा सकता है.

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