Ayodhya Ram Mandir: 22 जनवरी 2023 को अयोध्या में बना रहे राम मंदिर में रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है। राम मंदिर अक्सर चर्चा में रहती है। लोग बेसब्री से रामलाल के प्राण प्रतिष्ठा का इंतजार कर रहे हैं और अयोध्या जाने की तैयारी कर रहे हैं। क्या आप जानते हैं रामलाल के मंदिर का इतिहास क्या है?
Ayodhya Ram Mandir: जानिए राम मंदिर का इतिहास
तीर्थ नगरी अयोध्या को सतयुग में वैवस्त मनु ने बसाया था। यहां प्रभु श्री राम का जन्म हुआ था और इसका जिक्र बाल्मीकि रामायण में किया गया है। सालों तक राम राज्य चला था उसके बाद श्रीराम ने जल समाधि ले ली और अयोध्या नगरी सुनी हो गई थी।
जानिए इसका पौराणिक कथा
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार उज्जैनी के राजा विक्रमादित्य जब आखेट करने गए थे तो उन्हें उजाड़ भूमि पर कुछ चमत्कार दिखाई दिया। जब उन्होंने इसके बारे में पता लगाने की कोशिश की तो उन्हें पता चला कि यह अवध भूमि है और उसके बाद उन्होंने यहां श्री राम का भव्य मंदिर का निर्माण कराया। इसमें काले रंग के कसौटी वाले 84 स्तंभ थे।
मुगलों ने तुड़वा दिया था राम मंदिर
समय-समय पर यहां के राजाओं ने राम मंदिर की देखभाल की लेकिन 14वीं शताब्दी में जब भारत में मुगल शासन हुआ तब श्री राम जन्मभूमि को नष्ट कर दिया गया और वहां बाबरी मस्जिद बनवा दिया गया। 1525 में राम मंदिर को बाबर के सेनापति मिर बाकी ने ध्वस्त कर दिया।
बाबरी मस्जिद के तीन मंजिल गुम्बद को बनाया गया था और इसके बड़े हिस्से में श्री राम के चबूतरे पर उनके बाल स्वरूप की पूजा होती थी। इसे श्री राम का चबूतरा कहते थे लेकिन 1949 में बाबरी मस्जिद के मुख्य गुंबद के ठीक नीचे वही मूर्ति निकली जो श्री राम के चबूतरे पर विराजमान थी। लेकिन अब श्रीराम का मंदिर बन रहा है।
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