कश्मीर की आयशा बनीं सबसे कम उम्र की पायलट, फाइटर प्लेन उड़ाने में हासिल है महारत

महिलाएं किसी भी मोर्चे पर पुरुषों से पीछे नहीं है। जम्मू कश्मीर की बेटी आयशा की उड़ान इसे सही साबित कर रही है। 25 साल की आयशा अजीज सबसे कम उम्र की पायलट बन गई है। आयशा को यह सफलता अचानक नहीं मिली है, बल्कि संघर्षों से हासिल की गयी है।

रूस में उड़ाया फाइटर प्लेन

आयशा ने रूस के सोकूल एयर बेस में फाइटर जेट प्लेन MIG-29 उड़ाने के लिए प्रशिक्षण प्राप्त किया। इसके बाद वह वापस भारत लौट आई। बॉम्बे फ्लाइंग क्लब से डिग्री लेकर कमर्शियल पायलट बनी बनी।

सुबह 9 से शाम 5:00 वाली जॉब नहीं कुछ अलग करना था

एक समाचार एजेंसी से बात करते हुए आयशा ने बताया कि मुझे सुबह 9:00 से शाम 5:00 वाली जॉब नहीं करनी थी वह काफी बोरिंग होती है। मुझे अपनी लाइफ में कुछ चैलेंजिंग और डेरिंग चुनना था। इसलिए मैंने इस फील्ड को चुना उन्होंने कहा कि मुझे शुरु से ही घूमना और उड़ना बेहद ही पसंद है।

आयशा ने बताया कि मुझे हवाई यात्रा करना और लोगों से मिलना अच्छा लगता है। इस वजह से मैंने यह रास्ता चुना उन्होंने कहा कि पायलट के हाथों में ही 200 यात्रियों की जिंदगी का दारोमदार होता है। यह कोई आसान काम नहीं होता पायलट की जिम्मेदारियों का पूरा असर होता है पायलट बनना चुनौतीपूर्ण तो है ही उनका दायित्व भी काफी अहम होता है।

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कश्मीर की महिलाएं शिक्षा और कैरियर में बढ़ रही है आगे

आयशा अजीज की यह सफलता नारी सशक्तिकरण का प्रतीत होने के साथ ही आतंकवाद प्रभावित जम्मू-कश्मीर के लिए एक बड़ी सफलता है। आयशा ने कहा कि पिछले कुछ सालों में कश्मीरी महिलाओं ने काफी प्रगति की है। उन्होंने कहा कि बीते वर्षों में यहां के महिलाओं ने पढ़ने और कैरियर बनाने में तेजी से कदम बढ़ाया है। उनकी स्थिति में सुधार हुई है Aisha ने बताया यहां की महिलाएं विशेष तौर पर शिक्षा में काफी बेहतर कर रही है।

25 साल की आयशा अजीज ने कहा कि कश्मीर की हर दूसरी महिला अपने ग्रेजुएशन से आगे पोस्ट ग्रेजुएशन या डॉक्टरेट कर रही है। घाटी के बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो कि बहुत अच्छा कर रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में उनकी स्थिति में सुधार हुई है और वह लोग जागरूक हुए हैं।

सुनीता विलियम से आदर्श एयरक्राफ्ट उड़ाने में है माहिर

आयशा ने अपने माता-पिता के प्रति भी आभार व्यक्त किया। भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स को ऐसा अजीज अपना आदर्श मानते हैं। आपको बता दें कि आयशा को 200 घंटे की उड़ान पूरा होने के बाद कमर्शियल पायलट का लाइसेंस मिला था।

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