ललिता खींची को लोग कहते हैं लेडी सिंघम, MBA की नौकड़ी छोड़ बनी है इंस्पेक्टर

आज के युग में महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नही है। वे उनके साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही है, इतना ही नही दुनिया में अपनी अलग पहचान भी बना रही है। इसी का जीता जागता उदाहरण है राजस्थान की ललिता खींची. जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से ऐसा मुकाम हासिल किया है कि आज उन्हें लोग लेडीज सिंघम के नाम से जानते हैं। राजस्थान स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन की महिला ट्रैफिक इंस्पेक्टर ललिता आज अपने कामों के कारण इतनी मशहूर हो गईं हैं कि वह अकेली चित्तौड़ में राजस्थान पथ परिवहन निगम लिमिटेड की जिले भर की ट्रैफिक व्यवस्था को संभाल रही हैं।

यूं तो ललिता ने एमबीए की पढ़ाई की है लेकिन एक बेहतर कॉर्पोरेट सेक्टर की नौकरी, बढ़िया सैलरी को छोड़ उन्होंने अपने लिए एक अलग करियर को अपनाया। ललिता ने ट्रैफिक पुलिस की नौकरी शुरू की और हर शिफ्ट में चाहे वो दोपहर हो या फिर रात पूरे बहादुरी के साथ अपनी ड्यूटी को निभाती रहती हैं। उनके इस कठिन परिश्रम को देख कर उनके सहकर्मी भी उनकी तारीफ करते नही थकते।

ट्रैफिक पुलिस की नौकरी से पहले ललिता राजस्थान स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कोर्पोरेशन में, उदयपुर डिपो में बतौर असिस्टेंट ट्रैफिक इंस्पेक्टर के पद पर भी काम किया. इस पद के दौरान उनका काम गाड़ियों की बेवक्त चेकिंग करने का था। इतनी ही नही रोडवेज बस ऑपरेटर्स ने उन्हें कई बार आधी रात को भी ड्यूटी करते देखा है। लोगों का ऐसा मानना है कि ललिता की ड्यूटी के वक़्त कोई भी अपने गाड़ी में गलत सामान नही ले जा सकता था।

हरेक प्रकार की ड्यूटी केआर लेती है

ललिता खींची के बारे में शासन प्रबंध के जनरल मैनेजर राकेश राजौरिया का कहना है कि उन्होंने आज तक ललिता जैसा कोई नही देखा। उनके अंदर काम करने की इतनी लगन है की उन्होंने आज तक कभी किसी ड्यूटी से इंकार नही किया और ना ही कभी किसी से खराब व्यवहार किया। वही उनके कामों की बात करें तो एक महीने में करीब 20 रिपोर्ट डिपार्टमेंट में देना ललिता का बेहतर काम दर्शाता हैं। इतना ही नही उन्होंने हाल ही में 46 बस ऑपरेटर्स के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की। जिस तरह से मेहनत और लगन के साथ ललिता काम करती है,ये चीज उन्हें औरों से अलग बनाता हैं साथ ही सभी रोडवेज़ कर्मचारियों के लिए मिसाल पेश करने जैसा है।

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