कहते है लोग अपनी किस्मत खुद ही लिखते हैं और खुद ही बिगाड़ते है। भगवान भी उन्ही की मदद करता है जो खुद की मदद करते हो। मन की चाह को हकीकत में बदलने के लिए कड़ी मेहनत और लगन की जरूरत पड़ती है और यह तभी हो सकता है जब आप हर मुश्किलों का सामना करने के लिए तैयार हो। ऐसा ही कुछ किया है गुमला जिला के एक शख्स ने जिन्होंने अपनी चाहत को हकीकत में बदलने के लिए हर प्रयास किया और मंजिल भी प्राप्त किया।
जेपीएससी की परीक्षा मे हुआ चयन
सरकारी बाबुओं का वाहन चलाने वाले कृष्णा लोहरा के बेटे ने ना सिर्फ जेपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल किया बल्कि इलाके का नाम भी रोशन किया है. उन्होंने परीक्षा में सफलता प्राप्त यह साबित कर दिया कि अगर मन में दृढ़ विश्वास हो और मेहनत करने की होड़ हो तो इंसान कम संसाधन में भी सफलता हासिल कर सकता है।
पिता का सपना किया पूरा
कृष्णा लोहरा का हमेशा से यह सपना था कि उनका बेटा भी पढ़ लिखकर अफसर बने और उनका नाम रोशन करें । उनके बेटे जगन्नाथ लोहरा ने अपने पिता का यह सपना पूरा कर दिया। पहली बार जब जगन्नाथ ने परीक्षा दिया था तब उन्होंने मुख्य परीक्षा में सफलता प्राप्त की थी, लेकिन उनका अंतिम रूप से चयन नहीं हो पाया था. बेटे का जेपीएससी में चयन होने पर मां-बाप क कहना है कि उनको वो सबकुछ मिल गया, जिसकी उन्होंने कभी सपना देखा था।
जगन्नाथ की माँ जो खुद शिक्षा से दूर रही उन्होंने अपने बच्चों को पूरी ईमानदारी से पढ़ाया लिखाया हैं। उन्होंने बताया कि बच्चों की पढ़ाई के कारण वह और उनके पति ने अपने जीवन की तमाम ख्वाहिस को भुला दिया था।उनकी सोच थी कि बच्चा किसी तरह से अच्छी शिक्षा प्राप्त करे. जगरन्नाथ लोहरा के पिता कृष्णा लोहरा की मानें तो उसके जीवन की पूरी इच्छा इस बात को लेकर थी कि एक दिन उनका बेटा भी ऑफिसर बने, जिसे ईश्वर ने पूरा कर दिया.
पत्नी ने कही ये बात
बता दें कि जगन्नाथ शादी शुदा है और उनके कामयाबी पर उनकी पत्नी अनुराधा कश्यप का कहना हैं कि जब वह शादी के बाद ससुराल आयीं तो उन्होंने अपने पति के सिविल सर्विस के प्रति लगन को देखा और अपनी ओर से हर तरह की मदद की ताकि उनके पढ़ाई में किसी भी तरह की बाधा ना आएं। वहीं जगरन्नाथ के चाचा दिलीप लोहरा जो समाहारनालय में एक क्लर्क हैं उन्होंने कहा कि उनके पूरे परिवार का सपना था की परिवार में कोई ऑफिर बने जिसे उनके भतीजे ने पूरा किया. चाचा ने कहा कि भजीते कि सफलता पर हम आज उत्साह मना रहें हैं.
जगन्नाथ ने जिस मेहनत और लगन से यह मुकाम हासिल किया हैं उससे परिवार के दूसरे बच्चों को खूब प्रेरणा मिलेगी और वह भी कड़ी मेहनत और लगन से अपने रास्ते पर चलेंगे। वहींं जगरन्नाथ लोहरा की इस सफलता से उनके तीन भाई और एक बहन काफी खुश हैं. तीनों भाई और बहन का कहना है कि वह भी सरकारी अधिकारी बनने के लिए मेहनत करेंगे और परिवार का नाम रोशम करेंगे.
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