जब आपके पास लाखों करोड़ों की पूंजी हो तो उससे कोई भी बिजनेस खड़ा किया जा सकता है। लेकिन जब आपके पास संसाधनों की कमी हो उसके बावजूद आपने अच्छा बिजनेस खड़ा कर दिया तो वह एक सफल बिजनेसमैन होते हैं। दरअसल हम बात कर रहे हैं इडली डोसे बेच 100 करोड़ की कंपनी खड़ी करने वाले एक कुली के बेटे पीसी मुस्तफा की।
भले ही आज पीसी मुस्तफा ने इडली डोसा बेचकर 100 करोड़ की कंपनी खड़ी कर ली हो लेकिन उन्होंने अपनी अपने जीवन में कई कठिनाइयों का सामना किया है। आपको बता दें कि मुस्तफा के पिता एक कुली का काम किया करते थे ऐसे में उनके पास हर तरह के संसाधनों की कमी रहती थी। हालांकि मुस्तफा में एक अच्छी बात है कि उन्होंने कई कठिनाइयों और परेशानियों के बावजूद हिम्मत नहीं हारी और अपना व्यापार शुरु किया। Ready-to-eat खाने के शौकीनों के लिए आईडी फ्रेश कोई नया नाम नहीं है।
पहले हुए फेल फिर मिली सीख
पीसी मुस्तफा का जन्म केरल के वायनाड के एक गांव चेन्नालोडे में हुआ था। इनकी उम्र 48 साल है. इन्होंने बचपन में ही गरीबी देखी है। स्कूल से आने के बाद मुस्तफा अपने पिता के काम में हाथ बंटाने चले जाते थे। आपको बता दें कि मुस्तफा के पिता एक कॉफी बागान में कुली का काम किया करते थे। कोई पिता यह नहीं चाहता कि उसका बच्चा पढ़ाई छोड़ कर काम करें लेकिन जब पेट की बात हो तो ऐसे में हर कोई मजबूर हो जाता है। पीसी मुस्तफा बचपन से ही पढ़ाई में होनहार थे। लेकिन घर की परिस्थितियों के चलते उन्हें समय नहीं मिल पाता।
घर की आर्थिक परिस्थितियों के चलते मुस्तफा का ध्यान पढ़ाई छोड काम करने में ज्यादा रहता था। यही वजह रही कि मुस्तफा छठी क्लास में फेल हो गए लेकिन उन्होंने कड़ी मेहनत की और दसवीं में प्रथम स्थान आए। 10 वी में सफलता पाकर उन्हें एहसास हुआ कि जिंदगी में कुछ हासिल करना है तो उसके लिए एजुकेशन बहुत जरूरी है। अपनी कड़ी मेहनत के दम पर मुस्तफा ने नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में कंप्यूटर साइंस में एडमिशन लिया। उन्होंने कड़ी मेहनत की यही वजह रही कि उन्हें अमेरिका के एक भारतीय कंपनी में नौकरी मिल गई।
100 पैकेट से 50000 पैकेट तक
उन्होंने कई सालों तक अमेरिका में नौकरी की हालांकि उन्हें यह रास नहीं आ रहा था. मुस्तफा को कुछ अलग करना था. उन्होंने एक के बाद एक सेक्टर्स में काम किया लेकिन उन्हें वह काम नहीं मिला जो करना चाहते थे। इसके बाद वह 2003 में भारत लौट आए. उस वक्त कईयों का उनका यह फैसला गलत लगा. कुछ नया करने की सोच में उनके दिमाग में आईडी फ्रेश कंपनी के आईडिया को जन्म दिया। मात्र 25000 के निवेश के साथ उन्होंने 2005 में इस कंपनी को जमीन पर उतारा। मुस्तफा की यह कंपनी इडली डोसा बनाने के लिए जरूरी मिश्रण को बेचता था। आपको बता दें कि इस काम में उन्होंने अपने चचेरे भाई को भी शामिल किया।
शुरुआती दिनों में कंपनी अपने प्रोडक्ट के मात्र 100 पैकेट ही बेच पाती थी. लेकिन आज यही कंपनी 1 दिन में 50,000 पैकेट से ज्यादा की सेल करती हैं। इसके साथ इस कंपनी ने 650 लोगों को रोजगार दिया हुआ है। भारत के साथ-साथ कंपनी अब दुबई में भी पैर जमाने की कोशिश कर रही है।
500 करोड़ तक हुआ टर्नओवर
धीरे-धीरे कंपनी का सालाना टर्न ओवर बढ़ता गया और एक के बाद एक नई ऊंचाइयों को हासिल किया। जब इस कंपनी की शुरुआत हुई तो पहले दिन 5000 किलो चावल से 15000 किलोग्राम इडली का मिश्रण तैयार किया था. इसके बाद मिश्रण को स्कूटर पर लादकर बेचने निकल गए थे। आज यही कंपनी तब से 4 गुना ज्यादा मिश्रण सैकड़ों स्टोर 100 शहरों में बेच रही है। कंपनी के आगे बढ़ने के साथ-साथ मुस्तफा ने कई ग्रामीणों को रोजगार दिया है।आज देश के ब्रेकफास्ट किंग के नाम से पहचाने जाने वाले पीछे मुस्तफा की कंपनी 2015-16 में 100 करोड़ का टर्नओवर हुआ था। वही 2017-18 में यह बढ़कर 182 करोड़ और और 2019-20 में इस कंपनी का सालाना टर्नओवर 350 से 400 करोड़ तक पहुंच गया।
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