सरकारी नौकरी छोड़ फिल्मों मे आए थे ओमपुरी, इस अभिनेत्री ने कहा था- कैसे-कैसे लोग हीरो बनाने चले आते है

बॉलीवुड एक्टर ओम पुरी को आज कौन नही जानता। उन्होंने अपने दमदार अभिनय से हर किसी के दिल में अपनी एक खास जगह बनाई हैं। भले ही आज वह हमारे बीच ना हो मगर उन्हें हिंदी सिनेमा में एक दिग्गज कलाकार के रूप में याद किया जाता है। लेकिन क्या आप ये जानते है कि जब ओमपुरी फिल्मों में आने के लिए कड़ी स्ट्रगल कर रहे थे तब उन्हें एक एक्ट्रेस ने ये कह दिया था कि कैसे कैसे लोग चले आते हैं स्टार बनने। चलिए आपको बताते हैं कि क्या था पूरा मामला।

बचपन से ही एक्टर बनना चाहते थें ओमपुरी :-

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साल 1950 में हरियाणा के अंबाला में जन्मे ओम पुरी का बचपन बेहद मुश्किलों भरा था। उनके पिता रेलवे का काम किया करते थे, लेकिन घर की आर्थिक स्तिथि ठीक ना होने के कारण ओमपुरी ने कोयला बीनने और टी स्टॉल्स में बर्तन धोने का काम शुरू कर दिया था।

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बेहद कम लोग ये जानते होंगे कि अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद और फिल्मों में आने से पहले ओम सरकारी नौकरी करते थे। जी हां, और बॉलीवुड में आने के लिए उन्होंने कॉलेज के असिस्टेंट लाइब्रेरियन की नौकरी छोड़ी थी। बचपन से ही एक्टिंग में रुचि रखने वाले ओम पुरी हमेशा अपने स्कूल के फंक्शन में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते थे और फिर कॉलेज के दौरान वह थिएटर से भी जुड़े थे।

सरकारी नौकरी छोड़ जॉइन किया था थिएटर :-

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आपको बतादें कि एक बार ओम पुरी ने कॉलेज में थिएटर किया था जिसे पंजाब के मशहूर थिएटर कलाकार हरपाल टिवाना देखने  पहुंचे थे और वहां ओमपुरी के अभिनय को देखकर हरपाल टिवाना ने उन्हें अपने थिएटर ग्रुप से जुड़ने की पेशकश की। जिसके बाद एक्टर ने कॉलेज की असिस्टेंट लाइब्रेरियन की नौकरी छोड़ दी और  हरपाल टिवाना के थिएटर ग्रुप से जुड़े थे।

डेढ़ वर्ष तक दिया अभिनय की शिक्षा :-

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फिर ओमपुरी ने पुणे के फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट से ग्रेजुएशन पूरी की और नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से अपने अभिनय की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने पुणे फिल्म संस्थान से अपनी पढ़ाई खत्म की और लगभग डेढ़ वर्ष तक एक स्टूडियो में अभिनय की शिक्षा दी।

पहले ही फ़िल्म के लिए जीते फ़िल्मफ़ेअर पुरस्कार :-

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बाद में ओम पुरी ने अपनी एक निजी थिएटर ग्रुप ‘मजमा’ की स्थापना की। फिर ओम पुरी ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत मराठी फिल्म ‘घासीराम कोतवाल’ से की जिसमे अपने दमदार अभिनय के लिए उन्हें बेहतरीन सहायक अभिनेता के फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उसके बाद ओम ने कई सफल फिल्मों में काम किया और साथ ही साथ छोटे पर्दे पर भी अपना जलवा बिखेरा।

लुक पर शबाना आजमी ने किया था टौंट :-

Shabana aazmi

हालांकि ये मामला तब का है जब नसीर के साथ ओम पुरी ने पुणे के फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट में दाखिला लिया था। उन दिनों शबाना आजमी भी इसी संस्थान में अभिनय की ट्रेनिंग ले रहीं थी। तब शबाना आजमी ने ओम पुरी को देख मुंह बनाते हुए ये कहा था कि ‘कैसे-कैसे लोग हीरो बनने चले आते हैं।’

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