वो कहते हैं ना अगर कुछ कर गुजरने की इच्छा हो तो वह जरूर पूरा होती है बस उसके लिए मेहनत करनी पड़ती है. बिहार के पश्चिम चंपारण जिला के बगहा में चखनी गांव निवासी एक साधारण परिवार की दो जुड़वा बहनों ने एमबीबीएस इंट्रान्स क्वालीफाई कर बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ की सार्थकता को चरितार्थ किया है.
जिला के कुमारबाग़ स्थित नवोदय विद्यालय से शिक्षा ग्रहण करने वाली शिखा और श्वेता ने बिहार कंबाइंड इंट्रान्स कंपीटिटिव एग्जामिनेशन बोर्ड के तहत अंडर ग्रेजुएट मेडिकल एडमिशन काउन्सलिंग नीट-20 एग्जाम उतीर्ण किया है और एमबीबीएस में नामांकन के लिए चयनित हुई हैं.
बेटियां बेटों से कम नहीं
इन दोनों बेटियों ने अपने सफलता पर खुशी जाहिर करते हुए कहा है कि इस जमाने में बेटियां भी किसी मामले में बेटों से कम नही हैं और सरकार की बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ का संदेश समाज में वैसे लोगों के लिए सबक है जो बेटियों को कोंख में मार देते हैं या बेटों के मुकाबले बेटियों को तरजीह नहीं देते हैं.
सफलता पर उनके पापा ने दी बधाई
दोनों बेटियों ने बहुत बड़ी सफलता पाई इस पर उनके पापा दिलीप कुमार गुप्ता ने बताया कि बेटियों की सफलता से पूरा परिवार गौरव महसूस कर रहा है उन्होंने कहा आज का युग एक समानता का युग है अब बेटे और बेटियों में फर्क नहीं करना चाहिए ऐसी कई लड़कियां हैं जिन्होंने अपनी सफलता से अपने परिवार को का नाम रोशन किया है श्वेता और सिखाने एमबीबीएस की प्रारंभिक परीक्षा में सफलता प्राप्त कर पूरे क्षेत्र का नाम रोशन कर दिया है उन्होंने कहा सभी बेटियों के पिता के लिए एक सबक की तरह है बेटी को खूब पढ़ा है और उसे हौसला देता कि वह नाम रोशन कर सकें
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