एक फिल्म के लिए तो 40 बार ऑडिशन’, काफी मुश्किल भरा है थ्री इडियट्स’ के ‘राजू’ का फिल्मी करियर

आप सभी को बॉलीवुड की हिट फिल्मों में शामिल और लोगों के दिलों को जीतने वाली फिल्म “3 इडियट्स” तो याद ही होगी। इस फ़िल्म के हर एक किरदार को लोगों ने बेहद पसंद किया फिर चाहे वो रेंचो के रूप में आमिर खान हो, वायरस के रूप में बोमन ईरानी हो या फिर फरहान के रूप में आर.माधवन। इस फ़िल्म से जुड़े हर एक किरदारों को लोगों ने खूब प्यार किया मगर सबसे ज्यादा पॉपुलैरिटी फ़िल्म के 3 इडियट्स यानी कि रेंचो, फरहान और राजू को मिली।

राजू का किरदार निभाने वाले शरमन जोशी ने इस फ़िल्म में अपने अभिनय से लोगों का दिल जीत लिया। इस फ़िल्म में उनका मार्क्स और नौकरी के लिए डरना, आज के दौर के युवाओं को कही न कही अपने से जोड़ती हैं। राजू के किरदार से लोगों का ध्यान अपनी और खींचने वाले शरमन जोशी ने हाल ही में अपना 42वां जन्मदिन मनाया हैं तो चलिए इसी खास मौके पर आज हम आपको उनके जीवन से जुड़े कुछ दिलचस्प बातें बताते है जो बेहद कम लोग ही जानते होंगे।

वैसे तो शरमन जोशी ने कभी भी बतौर सोलो हीरो फिल्मों में काम नही किया, लेकिन उन्होंने कई ब्लॉकबस्टर मूवीज में अहम किरदार निभाए हैं और दर्शकों का ध्यान अपनी ओर खींचने में सफल भी रहे हैं। अपने फिल्मी करियर में शरमन ने कई तरह के रोल पर्दे पर निभाये मगर दर्शकों को उनका कॉमेडी अवतार सबसे ज्यादा पसंद आया।

आपको बता दें कि शरमन जोशी के पिता अरविंद जोशी फिल्मों के जाने माने आर्टिस्ट थे और गुजराती थिएटर करते थे जिस कारण शरमन ने भी अपने करियर की शुरुवात गुजराती थिएटर से ही की थी। शरमन की पहली फ़िल्म “गॉडमदर”के रिलीज के बाद एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि उनकी कॉमिक टाइमिंग बेहद खराब हैं। उनका कहना था कि लोगों ने उनकी बड़ी आलोचना की। लेकिन उस प्ले के निर्देशक शफी ईनामदार ने उन्हें निराश नही होने दिया और उन्हें लगातार हौसला देते रहे। करीब 50 शो करने के बाद उनके अभिनय में सुधार आया। अपने करियर में कई फिल्मों में काम करने वाले शरमन की हिट फिल्मों में ‘गोलमाल’, ‘स्टाइल’, ‘3 इडियट्स’, ‘रंग दे बसंती’ और ‘एक्सक्यूज मी’ जैसे नाम शामिल हैं।

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3 इडियट्स और रंग दे बसंती जैसी फिल्मों में कमाल का अभिनय करने वाले शरमन जोशी को अपने करियर में बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ा था। बेहद कम लोग ही ये जानते होंगे कि शरमन ने फ़िल्म “फरारी की सवारी” के लिए लगभग 40 बार ऑडिशन दिया था। इस फ़िल्म में शरमन को मेन लीड का किरदार हासिल करने के लिए बहुत परेशानी उठानी पड़ी थी।

वैसे आपको बता दें की साल 1999 में फ़िल्म गॉडमदर से बॉलीवुड में कदम रखने वाले शरमन जोशी को लगभग 13 सालों बाद साल 2012 में फ़िल्म “फरारी की सवारी” में मेन लीड में देखा गया था। पहले फ़िल्म के बाद इस फ़िल्म के लिए आखिर उन्हें इतना लंबा समय क्यों लगा इस सवाल के जवाब में शरमन ने कहा था कि ‘भई देखिए मैं तो लंबी रेस का घोड़ा हूं। मुझे कोई जल्दी नहीं है। मैं आपको इस बात के लिए पूरी तरह से आश्वस्त कर सकता हूं कि मैं जो भी फिल्म करूँगा वो एक बढ़िया फिल्म होगी। आपके समय और आपके पैसे के लायक होगी। जब आप सिर्फ अच्छा काम करना चाहते हैं तो उसमें आपको वक्त लगता है और मैं अपना वक्त देने को तैयार हूं।’

इसके आगे शरमन जोशी ने कहा कि अगर वह अपने फिल्मी करियर में 10 अच्छी फिल्में भी कर लेते है तो उन्हें खुद पर बड़ा गर्व महसूस होगा। उनका मानना हैं कि वो अगले 30 सालों तक इसी इंडस्ट्री में रहने वाले हैं और उनकी कोशिश होगी कि वह दर्शकों को कुछ बेहतर और मनोरंजक फिल्में दे।

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