यूपीएससी (UPSC) और सिविल सेवा परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है। ऐसे इन परीक्षाओं को पास करने के लिए हर अभयार्थी को कई परिश्रम सीढ़ियों से होकर गुजरना पड़ता है। ऐसे में आइए हम आपको एक ऐसी ही आईएएस ऑफिसर की कहानी (IAS Success Story) बताते हैं, जिन्होंने अपने नाना का सपना पूरा करने के लिए इस परिश्रम की सीढ़ी को चढ़ा था। इनका नाम है- आईएएस अफसर अपराजिता शर्मा (IAS officer Aparajita Sharma)…
कौन है IAS अपराजिता शर्मा
बनारस की रहने वाली अपराजिता शर्मा को पहले नहीं पता था कि एक आईएएस अफसर क्या होता है। उसे इस परीक्षा को पास करने के लिए किन-किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, लेकिन फिर भी उनका सपना बचपन से ही आईएएस अधिकारी बनने का था। दरअसल उनके इस सपने के पीछे की वजह उनके नाना थे। उनके नाना हमेशा से चाहते थे कि उनकी नाती एक दिन बड़ी होकर अफसर बनें।
नाना के सपनों को आंखों में संजोए अपराजिता भी आईएएस ऑफिसर बनने की राह पर चल पड़ी। अपराजिता ने अपनी स्कूली शिक्षा बनारस से ही की है। इसके बाद उन्होंने ग्रेजुएशन लेवल की पढ़ाई की और बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी रांची में दाखिला लिया। अपराजिता के पिता एक आईएएस अधिकारी के रूप में रिटायर हुए हैं और उनकी मां एक प्रोफ़ेसर है।
इस तरह मिली IAS बनने की प्रेरणा
ग्रेजुएशन की पढ़ाई करने के बाद अपराजिता को एक बड़ी कंपनी में जॉब भी मिल गई थी। वह अपने विभाग की इकलौती ऐसी लड़की थी जो उस पद पर कार्यरत थी। अपराजिता जिस विभाग में काम कर रही थी, उस पूरे विभाग में कोई लड़की नहीं थी। उनकी कंपनी में हुई कुछ घटनाओं ने अपराजिता को सिविल सेवा परीक्षा देने के लिए प्रेरित कियाथा। इसके बाद अपराजिता ने अपने हौसलों को बुलंदी देने के साथ ही तैयारी शुरू कर दी।
यूपीएससी की तैयारी करने वालों को अपराजिता की सलाह
अपराजिता ने बताया कि वह इस दौरान तीन अलग-अलग परीक्षाओं की तैयारी कर रही थी। इस दौरान उन्होंने सबसे पहले अपने सिलेबस पर ध्यान दिया और उसके बाद अपने हिसाब से किताबें इकट्ठा की। इसके साथ ही कई अलग-अलग किताबों से जानकारियां इकट्ठा की। अपराजिता ने यूपीएससी और सिविल सेवा की तैयारी करने वाले छात्रों को सलाह देते हुए यह भी कहा कि आप अपनी पुस्तकों को सीमित ही रखें, लेकिन इस बात का खास तौर पर ध्यान रखें कि आप अपनी जानकारी को अपडेट करते रहे।
ऑल इंडिया में हासिल की थी 40वीं रैंक
अपराजिता ने आगे कहा- आप अपनी ताकत और कमजोरी के हिसाब से अपनी रणनीति बनाये, क्योंकि हर कोई अलग होता है। ऐसे में अपने डेली टारगेट को बनाते हुए अपनी परीक्षा की तैयारी करें, सफलता जरूर मिलेगी। इसके साथ ही अपराजिता ने अपनी इस पद और प्रतिष्ठा को लेकर कहा कि यह पद सिर्फ प्रतिष्ठा ही नहीं देता, बल्कि आपको संतुष्टि और सुकून भी देता है। बता दे अपराजिता ने साल 2017 में 40 में ऑल इंडिया रैंक हासिल करते हुए यह परीक्षा पास की थी।
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