8 साल से कार में रह रहे थे 77 साल के टीचर, स्टूडेंट्स ने बर्थडे पर जमा कर किए 20 लाख रुपये गिफ़्ट

इंसान के जीवन में माँ-बाप का सबसे उच्च स्थान होता है और दूसरा स्थान उसके गुरु का होता है। कहते हैं इंसान अपने माँ बाप के बाद जिससे जीवन की शिक्षा लेता है वो उसका गुरु होता है। ये पुराने वक़्त से चला आ रहा है जब गुरु को भगवान के स्थान पर पूजा जाता है और उनकी कही बातें पत्थर की लकीर मानी जाती हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण एकलव्य का है जिसने अपने गुरु द्रोणाचार्य के मांगने पर अपना अंगूठा गुरु दक्षिणा के रूप में दे दिया था।

ऐसा ही कुछ किया है एक आज के स्टूडेंट ने अपने शिक्षक के लिए। कोरोना काल से एक शिक्षक एक छोटे से कर में अपनी जिंदगी बिता रहे थे और उनकी आंखें उस वक़्त भर गई जब उनके एक छात्र ने 20 लाख रुपये जमा कर उनके सामने रख दिया। शिक्षक के जन्मदिन पर स्टूडेंट ने अपनी ओर से उन्हें ये गिफ्ट दिया है।

उस शिक्षक का नाम होजे विलारुएल हैं जो एक सुब्स्टीटूट टीचर होने के साथ साथ बच्चों को ट्यूशन भी पढ़ते हैं। वे पिछले कई सालों से अपने गाड़ी में ही रह रहे थे। उनके एक पूर्व स्टूडेंट्स स्टीवन नवा रोज़ ऑफ़िस जाते हुए हर रोज देखते थे कि कैसे उनके टीचर एक 24 साल पुरानी गाड़ी में ज़िंदगी जीने की कोशिश कर रहे हैं. 

स्टीवन ने अपने टीचर को इस हाल मे देख यह निर्णय लिया कि वह उनकी मदद जरूर करेंगे। जिसके बाद स्टीवन ने एक ऑनलाइन फ़ंडरेज़र प्रोग्राम शुरू किया यानी ऑनलाइन पैसे इकट्ठे किये। इस फण्ड का मकसद अपने टीचर के लिए लगभग 3 लाख रुपये इक्कठा करना था।

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गुरुवार यानी कि 11 मार्च को शिक्षक होजे ने अपना 77वां जन्मदिन मनाया। जहां उनके स्टूडेंट ने उन्हें एक शानदार गिफ्ट दिया। स्टीवन और उनके कुछ दोस्त अपने टीचर का बर्थडे मनाने उनके पास पहुंचे और उन्हें गिफ्ट के तौर पर एक चेक थमा दिया।

मिली जानकारी के मुताबिक आपको यह बतादें की होज़े साल 2013 से ही ट्रक में रह रहे हैं लेकिन पिछले साल कोरोना महामारी के बाद से उनके लिए जीवनयापन करना और मुश्किल हो गया. कोरोना काल में स्कूल और ट्यूशन बन्द होने के बाद उन्हें बेहद मुश्किलों का सामना करना पड़ा और जीवन और कठिन हो गया।

होजे ने अपना जीवन अपने कार में ही बिताना शुरू कर दिया था जहां वह अपने लैपटॉप को कार की बैटरी से चार्ज करते हैं. उनके पास अमेरिका में घर लेने के पैसे नहीं हैं, क्योंकि उनकी जो भी कमाई होती है, उसे मेक्सिको में रह रहे अपने परिवार को भेज देते हैं. 

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