अस्ट्रेलिया के मशहूर क्रिकेटर शेन वार्न का महज 52 की उम्र में निधन हो गया। क्रिकेट जगत के वे एक महान खिलाड़ी माने जाते थे, उन्होने बॉल ऑफ द सेंचुरी फेंकी थी। लेकिन वे भी क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले भारतीय खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर से डरते थे।
शेन वार्न के सपने में आते थे सचिन तेन्दुलकर
सचिन तेन्दुलकर की बल्लेबाजी का खौफ शेन वार्न पर इस कदर हावी था कि सचिन उनके सपने में आते थे। वाॅर्न ने खुद बताया था कि सचिन सपने में आकर उनकी गेंद पर छक्का जड़ते हैं। दरअसल 1998 के दौर में क्रिकेट प्रेमियों पर शेन वार्न का जादू सिर चढ़कर बोलता था, लेकिन सचिन ऐसे खिलाडी थे जिन्होंने शेन वार्न की जमकर धुनाई की थी।
धौनी के थे बड़े फैन
शेन वार्न कैप्टन कूल कहे जाने वाले महेंद्र सिंह धौनी के जबरदस्त फैन थे। इसका अन्दाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब अचानक ही धौनी ने क्रिकेट से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया तो वार्न की यह बात सामने आई थी कि वे फोन करके धोनी से रिक्वेस्ट करेंगे कि धोनी ‘द हंड्रेड’ में जरूर खेले।
दिल का दौरा पड़ने से हुआ निधन
शेन वॉर्न को आस्ट्रेलिया के महान स्पिनर के रूप में याद किया जाएगा। उन्होंने स्पिन गेंदबाजी को नयी परिभाषा दी। थाईलैंड में दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। उनके निधन की जानकारी शुक्रवार को उनके प्रबंधन की तरफ से दी गई। वॉर्न के प्रबंधन ने आस्ट्रेलियाई मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि वॉर्न नहीं रहे और थाईलैंड के कोह समुई में दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। वे दो बेटियां और एक बेटे के पिता थे।
बॉल ऑफ द सेंचुरी फेंक किया था आउट
शेन वार्न ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी शुरुआत 1992 में की थी। वे आस्ट्रेलिया के लिये खेलते थे। उन्होंने अपने जीवन मे 145 टेस्ट मैच खेला और 708 विकेट हासिल किए, जबकि 194 वनडे में 293 विकेट चटकाए। साल 2008 में उन्होंने आईपीएल के पहले सत्र में राजस्थान रॉयल्स की कप्तानी की और जीत हासिल किया।
साल 1993 में जब वे 24 वर्ष के थे तो ओल्ड ट्रैफर्ड में जिस गेंद पर इंग्लैंड केफ माइक गैटिंग को आउट किया था , उसे ‘सदी की गेंद’ होने की संज्ञा दी गई। बता दें कि गैटिंग भी उस लेग ब्रेक पर आश्चर्यचकित रह गए थे, क्योंकि गेंदबाजी की यह कला उस वक्त दम तोड़ने लगी थी जिसे जब वॉर्न ने नई साँसे दी थी।
भारत में थे लोकप्रिय
शेन वार्न की भारत में भी गज़ब की लोकप्रियता थी और रवि शास्त्री उनका पहला टेस्ट विकेट थे। उनके जीवन में कुछ विवादों से भी उनका नाता बना रहा। साल 1998 में उन पर जुर्माना लगाया गया था। उन पर आरोप था कि उन्होंने मार्क वॉ और उन्हें पिच और मौसम के हालात की जानकारी एक सटोरिये को देने के बदले में पैसा लिया है। साल 2003 में दक्षिण अफ्रीका में विश्व कप (World Cup) से ठीक पहले उन्हें प्रतिबंधित डायूरेटिक के सेवन का दोषी पाया गया था। तब उन्होंने अपनी सफाई में कहा था कि उनकी मां ने वजन कम करने वाल दवा उन्हें दी थी। शेन वार्न वह क्रिकेट में कोचिंग को पसंद नहीं करते थे, वे क्रिकेट में मैनेजर होने का समर्थन करते थे।