शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा की जेडीयू से बढ़ रही नज़दीकियाँ, नीतीश और आरसीपी से किए मुलाक़ात

राजद के दिवंगत नेता मो शहाबुद्दीन के परिवार के लोग अब जदयू (JDU) के साथ नए रिश्ते की शुरुआत करने जा रहे हैं। इस परिवार द्वारा पहली बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा जदयू के कई बड़े नेताओं को शुभ आयोजन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। मो शहाबुद्दीन के पुत्र ओसामा खुद आमंत्रण दे रहे हैं। लेकिन अब इसे सियासी दृष्टिकोण से भी देखा जा रहा है।

बता दे कि इस 15 नवम्बर को शहाबुद्दीन की बेटी डॉ हेरा सहाब की शादी है। यह शादी सिवान में होगी। हेरा शहाब के भाई ओसामा इस शादी में शामिल होने के लिए आमंत्रण दे रहे हैं। शुक्रवार को उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शादी मे शामिल होने के लिए आमंत्रण दिया और शादी में आने का आग्रह किया। बता दे कि नीतीश कुमार के शासनकाल में ओसामा सम्भवतः पहली बार मुख्यमंत्री आवास में आए थे। राजद के शासन में मो शहाबुद्दीन बेरोक टोक इस आवास पर अकसर ही आते थे।

आरसीपी के गांव गए भी गए ओसामा

केंद्रीय मंत्री और जदयू के वरिष्ठ नेता आरसीपी सिंह इन दिनों दीपावली और छठ के अवसर पर अपने गांव में हैं। उनका गांव मालती बिगहा नालन्दा जिला में स्थित है। शनिवार की सुबह ओसामा उन्हें आमंत्रित करने मालती बिगहा गए और उनसे बहन की शादी में आने का आग्रह किया। आरसीपी सिंह ने समारोह में शामिल होने का भरोसा दिया। ओसामा-आरसीपी सिंह के मुलाकात के दौरान मौजूद जदयू के नेता अंजनी कुमार भी मौजूद थे, जिन्होंने दोनों के फोटो को अपने फेसबुक पर पोस्ट किया है। हालांकि, अंजनी ने इस मुलाकात में किसी तरह के सियासी वर्तालाप होने से साफ साफ इंकार किया है।

पिछले महीने हुई ओसामा की शादी

पिछले ही महीने दिवंगत मो शहाबुद्दीन के बेते ओसामा की शादी हुई थी, जिसमे जदयू के कोई भी बड़े नेता शामिल नहीं हुए थे। इस शादी में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव सहित राजद के बडे नेता शामिल हुए थे। ओसामा की जब शादी हुई थी तो उन्होंने अपनी शादी में आने के लिए मुख्यमंत्री से मिल कर उन्हें न्योता नहीं दिया था। इसलिए भी बहन की शादी में न्योता देने को राजनीतिक रंग दिया जा रहा है। यह इसलिए भी क्यूँकि हाल के दिनों में शहाबुद्दीन के परिवार से राजद परिवार की खटास बढ़ी है। दरअसल परिवार की अपेक्षा थी कि राजद हेना शहाब को राज्यसभा में जगह दे। राजद ने लोजपा से आए मो अशफाक करीम को राज्यसभा में भेज दिया। इस तरह हेना के दावे की अनदेखी की गई।

whatsapp channel

google news

 
Share on