‘आदिपुरुष’ पर भड़के Ramanand Sagar के बेटे, रावण को कहा टपोरी, बोले- 50 साल तक कोई नहीं बना सकता वैसी रामायण

Ramanand Sagar Son On Aadipurush: प्रभास, कृति सेनन और सैफ अली खान स्टारर फिल्म ‘आदिपुरुष’ रिलीज हो गई है। फिल्म को लेकर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया सामने आ रही है, जहां कुछ लोग फिल्म के पहले हाफ को पसंद कर रहे हैं, तो वहीं कई लोगों ने फिल्म के दूसरे हाफ की जमकर बुराई की है। इस कड़ी में 90 के दशक के सुप्रसिद्ध दूरदर्शन सीरियल रामायण के निर्माता निर्देशक रामानंद सागर के बेटे प्रेम सागर ने भी आदिपुरुष फिल्म पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। प्रेम सागर ने डायरेक्टर ओम राऊत की आदिपुरुष में प्राचीन भारतीय महाकाव्य रामायण की गलत व्याख्या करने पर नाखुशी जाहिर की है। इतना ही नहीं उन्होंने आदिपुरुष के रावण यानी सैफ अली खान को टपोरी तक कह दिया है।

adipurush shriram

आदिपुरुष’ पर भड़के प्रेम सागर

दरअसल हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान प्रेम सागर ने आदिपुरुष फिल्म पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा उन्होंने इसका टीजर और ट्रेलर देखा है। इस दौरान जब प्रेम सागर से इस के डायलॉग तेल तेरे बाप का, जलेगी तेरे बाप की के बारे में बात की… जिसे देवदत ने भगवान हनुमान के रूप में बोला है। इस पर प्रतिक्रिया के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने हंसते हुए कहा- टपोरी स्टाइल है। इसके बाद प्रेमसागर ने कहा कि- ओम राऊत ने आदिपुरुष के जरिए मार्बल बनाने की कोशिश की है, लेकिन जो रामायण उनके पिता ने बनाई है उसे आने वाले 50 सालों तक कोई नहीं बना सकता।

adipurush rawan

रावण को विलन बनाना गलत- प्रेम सागर

प्रेम सागर ने अपने पिता रामानंद सागर की भी रामायण पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा- पिता ने भी रामायण को बनाते हुए क्रिएटिव फ्रीडम का इस्तेमाल किया था, लेकिन उन्होंने भगवान राम को समझा… कई ग्रंथों को पढ़ने के बाद इसमें छोटे-छोटे बदलाव किए, लेकिन कभी भी तथ्यों के साथ कोई छेड़छाड़ करने की कोशिश नहीं की। रामायण के रूप में सैफ अली खान के डार्क लुक पर रीक्रिएशन देते हुए प्रेम सागर ने कहा कि- रावण बहुत विद्वान और ज्ञानी व्यक्ति था, उसे खलनायक के रूप में पेश नहीं किया जा सकता। ग्रंथों के मुताबिक रामायण ने इतनी तबाही इसलिए मचाई थी, क्योंकि वह जानता था कि वह भगवान राम के हाथों ही मोक्ष प्राप्त करेगा।

इसके साथ ही प्रेम सागर ने यह भी कहा कि शास्त्रों में यह बात लिखित है कि भगवान राम से रावण को बड़ा विद्वान मानते थे। जब रावण मरने वाला था तब भगवान राम ने अपने छोटे भाई लक्ष्मण को रावण के चरणों में जाने और उससे सीखने के लिए भेजा था। उन्होंने कहा कि रावण की ऐसी स्थिति थी, आप रचनात्मक स्वतंत्रता के नाम पर रावण को खूंखार विलेन के रूप में पेश नहीं कर सकते। यह गलत है और इस तरह आज की पीढ़ी को गलत मैसेज दिया जा रहा है।रामानंद सागर के पोते प्रेम सागर ने कहा कि- अगर आप आज की पीढ़ी के लिए रामायण बना रहे हैं, तो उसे ब्रीच कैंडी और कोलाबा में दिखाइए। इसे दुनियाभर में मत दिखाइए और लोगों की भावना को ठेस मत पहुंचाई।

Kavita Tiwari