Prakash Jha life Journey: बॉलीवुड के मशहूर निर्माता-निर्देशकों में से एक प्रकाश झा ने अपने अब तक के बॉलीवुड सफर में एक से बढ़कर एक सुपरहिट फिल्मों का निर्देशन किया है। इस लिस्ट में गंगाजल, राजनीति और सत्याग्रह जैसी कई दमदार फिल्मों के नाम शामिल हैं। बॉलीवुड गलियारों में लगातार सफलता का स्वाद चखने वाले प्रकाश झा की निजी जिंदगी काफी मुश्किलों भरी रही है। उन्हें अपने जीवन में काफी लंबा संघर्ष ही झेलना पड़ा है। ऐसे में आइए हम आपको निर्माता-निर्देशक प्रकाश झा की निजी जिंदगी से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें बताते हैं और साथ ही बताते हैं कि कैसे एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाले प्रकाश झा बॉलीवुड इंडस्ट्री के टॉप निर्माता-निर्देशक बनें।
प्रकाश झा का जीवन सफरनामा
बिहार के चंपारण के एक मध्यम परिवार में प्रकाश झा का जन्म 27 फरवरी 1952 को हुआ था। प्रकाश झा ने अपनी शुरुआती पढ़ाई बोकारो शहर के केंद्रीय विश्वविद्यालय से की थी। इसके बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए तिलैया में स्थित सैनिक स्कूल चले गए, वहां से पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के रामजस कॉलेज में एडमिशन लिया और वहां से ग्रेजुएशन की पढ़ाई के दौरान ही उनकी रूचि पेंटिंग की दुनिया में बढ़ने लगी। आर्ट की दुनिया में बढ़ती दिलचस्पी के बाद वह मुंबई में जाकर पेंटर बनने का सपना देखने लगे और इसी के चलते उन्होंने 1973 में फिल्म एंड टेलिविजन इंस्टीट्यूट में दाखिला लिया।
20 साल बाद दीप्ति नवल संग टूट गई शादी
प्रकाश झा ने साल 1985 में बॉलीवुड अभिनेत्री दीप्ति नवल से शादी की थी। शादी के कुछ समय बाद ही दोनों ने एक बेटी को गोद लिया। उनकी बेटी का नाम निशा झा है। इसके अलावा प्रकाश झा का एक बेटा भी है, जिसका नाम प्रियरंजन झा है। प्रकाशा की निजी जिंदगी में पत्नी और बच्चों के साथ उनका जीवन काफी खुशहाल चल रहा था, लेकिन बदलते वक्त के साथ दीप्ति और प्रकाश झा के रिश्ते भी बदलने लगे। हालात इतने खराब हो गए कि दोनों ने साल 2005 में आपसी रजामंदी से तलाक ले लिया और 20 साल बाद यह शादी टूट गई।
शॉर्ट फिल्मों से शुरु किया करियर
बात प्रकाश झा के कैरियर सफर की करें तो बता दें कि उन्होंने अपने करियर की शुरुआत डॉक्यूमेंट्री से की थी। इस दौरान उनकी पहली डॉक्यूमेंट्री अंडर द ब्लू आई थी। हालांकि यह कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई। प्रकाश झा का नाम पहली बार तब सुर्खियों में आया जब उन्होंने बिहार के दंगों के ऊपर एक शॉर्ट फिल्म बनाई, जो रिलीज होने के कुछ समय बाद ही बैन हो गई। प्रकाशा को इस शॉर्ट फिल्म के लिए नेशनल अवार्ड भी मिला था। हालांकि इस दौरान एक वक्त ऐसा भी आया, जब प्रकाश झा को अपनी निजी जिंदगी में फाइनैंशल स्ट्रगल से गुजरना पड़ा। हालात इतने खराब हो गए कि उनके पास रूम रेंट देने और खाने के भी पैसे नहीं थे।
आर्थिक तंगी के साथ जब मुबंई में हुई शुरुआत
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो जब प्रकाश झा मुंबई आए तो उनके पास उस समय कुछ ज्यादा पैसे नहीं थे। ऐसे में उन्होंने कई रातें जुहू बीच और फुटपाथ पर भी गुजारी है। साल 1984 में प्रकाश झा ने हिप-हिप हुर्रे फिल्म से हिंदी सिनेमा इंडस्ट्री में निर्देशन की दुनिया में डेब्यू किया। इस फिल्म की कहानी बंधुआ मजदूरों के जीवन पर आधारित थी। प्रकाश झा की इस फिल्म को लोगों ने काफी पसंद किया और इसे राष्ट्रीय सम्मान से भी नवाजा गया। इसके बाद साल 2010 में उन्होंने राजनीति फिल्म बनाई। उनकी यह फिल्म सुपरहिट साबित हुई। इस फिल्म में अजय देवगन, अर्जुन रामपाल, कैटरीना कैफ, मनोज बाजपाई, रणबीर कपूर, मुख्य भूमिका में नजर आए। खास बात यह थी कि यह फिल्म प्रकाश झा के करियर का सबसे बड़ा टर्निंग प्वाइंट बनी और उन्हें इस फिल्म से नाम, शोहरत, पैसा सब कुछ मिला।
इसके बाद उनकी अगली फिल्म आरक्षण आई, जिसमें अमिताभ बच्चन, सैफ अली खान, दीपिका पादुकोण, प्रतीक बब्बर मुख्य भूमिका में नजर आए। यह फिल्म भी लोगों को काफी पसंद आई। इसके बाद उन्होंने सत्याग्रह का निर्देशन किया, जो सुपरहिट साबित हुई। लगातार हिट फिल्मों का निर्देशन करने के बाद आज आलम यह है कि प्रकाश झा इंडस्ट्री में किसी पहचान के मोहताज नहीं है।