देश मे हुआ बिना ड्राइवर की मेट्रो की शुरुआत, जाने कैसे करेगी काम? यहां जानिए सबकुछ

देश में पहली ड्राइवरलेस मेट्रो की शुरुआत हो चुकी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीएम अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में देश की पहली ड्राइवरलेस मेट्रो ट्रेन की शुरुआत दिल्ली में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की. यह मेट्रो दिल्‍ली मेट्रो की मजेंटा लाइन और पिंक लाइन पर चलाई जानी है. जनकपुरी पश्चिम से बॉटनिकल गार्डन तक मेट्रो की 37 किलोमीटर लंबी मैजेंटा लाइन पर ड्राइवरलेस मेट्रो की सुविधा शुरू की गई है.

अगर आप सोच रहे हैं कि सभी मेट्रो बिना ड्राइवर के चलेगी तो ऐसा नहीं है. फिलहाल राजधानी में जनकपुरी वेस्ट से बॉटनिकल गार्डन के बीच यह चलेगी. इसके बाद मजलिस पार्क-शिव विहार के बीच भी 2021 के मध्य में चालक रहित ट्रेन सेवा शुरू होने की उम्मीद है.

बिना ड्राइवर का मेट्रो का ट्रायल साल 2017 में किया गया था. इसमें एक बार में 2280 यात्री सफर कर सकते हैं. बिन-ड्राइवर वाली ट्रेन एक जैसी रफ़्तार से चल पाएंगी. इनकी टॉप स्पीड 95 किलोमीटर प्रति घंटा (kmph) होगी और ये पटरी पर 85kmph की रफ्तार से चलेंगी.

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आमतौर पर आप देखते हैं कि मेट्रो में ड्राइवर के लिए अलग से केविन होता है लेकिन अब ड्राइवरलेस मेट्रो में आगे की ओर ड्राइवर का केबिन नहीं होगा. ऐसे में यात्री अब ट्रेन के अगले हिस्से में जाकर सामने की ओर रेल ट्रैक भी साफ से देख सकते हैं. ड्राइवरलेस मेट्रो का एक और खासियत यह है कि इसमें रेल ट्रैक पर अगर कोई भी चीज 50 मीटर की दूरी पर पड़ी होगी तो यह अपने आप रुक जाएगी. इससे हादसों की आशंका भी कम हो जाएगी.

ग्रेड ऑफ ऑटोमेशन तकनीक के तहत ये ड्राइवरलेस मेट्रो चलेंगी. इसमें पर ड्राइवर के द्वारा नहीं, बल्कि ऑटोमैटिक रूप से मेट्रो चलती है. लेकिन इमरजेंसी के समय के लिए ड्राइवर ट्रेन में ही रहता. DMRC का कहना है कि चालक रहित मेट्रो ट्रेनें पूरी तरह स्वचालित होंगी, जिनमें मानवीय हस्तक्षेप की न्यूनतम आवश्यकता होगी. इससे मानवीय गलतियों के कारण परिचालन प्रभावित होने की आशंका समाप्त हो जाएगी. ये ट्रेनें मेट्रो भवन में बने केंद्रीय कंट्रोल रूम से कमांड देकर संचालित की जाएंगी.

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