Lakshmi Agarwal And Alok Dixit: लक्ष्मी अग्रवाल आज किसी पहचान की मोहताज नहीं है। भले ही एक दौर में एसिड अटैक ने उनके शरीर पर कुछ दाग लगा दिया हो, लेकिन उनके जज्बे को वो एसिड छू भी नहीं पाया और उनके जज्बे की ही देन है कि आज लक्ष्मी अग्रवाल का नाम देश नहीं, बल्कि दुनियाभर में एक एसिड अटैक सरवाइवर के तौर पर जाना जाता है। लक्ष्मी अग्रवाल की जिंदगी में सिर्फ एसिड अटैक ही एक संघर्ष नहीं रहा, बल्कि उन्होंने अपनी निजी जिंदगी के और भी कई दूसरे पड़ाव पर मुसीबतों का सामना किया है, जिनमें से एक सफर वह भी रहा है जब उन्हें आलोक दीक्षित से प्यार हो गया था लेकिन दोनों की शादी नहीं हो पाई।
कौन है लक्ष्मी अग्रवाल
लक्ष्मी अग्रवाल का जन्म 1 जून 1990 को हुआ था आज दुनियाभर में लक्ष्मी अग्रवाल को एक एसिड अटैक सरवाइवर के तौर पर जाना जाता है। इसके अलावा वह एसिड अटैक पीड़ितों के अधिकारों के लिए लड़ना और अपनी आवाज बुलंद करना भी बखूबी जानती है। साल 2002 में लक्ष्मी अग्रवाल जब 15 साल की थी, तब उन पर 32 साल के एक युवक गुड्डू उर्फ नईम खान ने एसिड से हमला कर दिया था। दरअसल नईम उनसे एक तरफा प्यार करता था और उनसे शादी करना चाहता था, लेकिन लक्ष्मी ने उनसे शादी करने से इनकार कर दिया था।
जब लक्ष्मी की सादगी पर दिल हार बैठे आलोक दिक्षित
एसिड अटैक सरवाइवर लक्ष्मी अग्रवाल की निजी जिंदगी पर फिल्म छपाक भी बन चुकी है, जिसमें उनकी निजी जिंदगी की कहानी के साथ-साथ कई और एसिड अटैक सरवाइवर्स के बारे में दिखाया गया है। लक्ष्मी की जिंदगी के बारे में उनके एसिड अटैक की कहानी तो आज हर कोई जानता है, लेकिन लक्ष्मी की खूबसूरती और उनकी मासूमियत इस हादसे के बाद भी उनके जज्बे के साथ बरकरार थी और इसी की देन थी कि उनके साथ उनकी जर्नी में उनका साथ निभाने वाले पत्रकार आलोक दिक्षित उन्हें दिल दे बैठे थे।
लक्ष्मी अग्रवाल और आलोक दिक्षित एक दूसरे से बेहद प्यार करते थे, लेकिन इसके बावजूद भी दोनों का यह रिश्ता ज्यादा लंबा नहीं चला। हालात इतने खराब हो गए कि आलोक दीक्षित छोड़ कर चले गए और लक्ष्मी अग्रवाल अकेले ही रह गई। इस दौरान लक्ष्मी के साथ उनकी और आलोक दिक्षित की एक छोटी सी बेटी भी थी, जिसका नाम पीहू है। लक्ष्मी आज अपनी बेटी की परवरिश अकेले ही करती है।
2006 से शुरु की थी संघर्ष की ल़ड़ाई
लक्ष्मी अपनी जिंदगी के उतार-चढ़ाव के अलावा एक बेहतरीन गायक के तौर पर भी जानी पहचानी जाती है। दरअसल लक्ष्मी को बचपन से ही गाने का शौक था। ऐसी में वह बचपन से ही सिंगर बनने का सपना देखती थी, लेकिन एसिड अटैक के एक हादसे ने उनकी पूरी जिंदगी को बदल कर रख दिया था। इस हमले में लक्ष्मी अग्रवाल का पूरा चेहरा पिघल गया था। हालांकि इस हादसे के बाद भी उनके हौसले इतने बुलंद रहे कि उन्होंने साल 2006 में पीआईएल डालकर सुप्रीम कोर्ट ने एसिड बैन करने की मांग की थी।
लक्ष्मी अग्रवाल के इस कैंपेन में उनका साथ आलोक दीक्षित ने एक पत्रकार के तौर पर पूरी तरह निभाया था। आलोक ने लक्ष्मी का साथ देने के लिए अपनी पत्रकारिता तक को छोड़ दिया था। दोनों ने इस कैंपेन को न सिर्फ हर घर तक पहुंचाया, बल्कि लोगों को इस कैंपेन के लिए जागरूक भी किया और साथ ही एसिड बैन करने की महत्वता के बारे में भी समझाया।
आलोक दीक्षित और लक्ष्मी अग्रवाल ने क्यों नहीं की शादी
एसिड अटैक सरवाइवर के तौर पर आलोक दीक्षित के दिल पर अपनी मासूमियत और अपने भोलेपन की छाप छोड़ने वाली लक्ष्मी अग्रवाल उनके दिल पर राज करने लगी थी। दोनों के बीच शुरू हुई यह प्यार की कहानी लिव इन रिलेशनशिप के रिश्ते तक जा पहुंची, लेकिन दोनों ने कभी शादी नहीं की। शादी ना होने के बावजूद भी लक्ष्मी अग्रवाल ने आलोक दीक्षित की बेटी पीहू को जन्म दिया। आज दोनों अलग-अलग रह रहे हैं। लक्ष्मी अकेले ही अपनी बेटी की परवरिश करती है।
लक्ष्मी ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि हन दोनों ने कभी शादी नहीं की थी, लेकिन हम दोनों लिव इन रिलेशनशिप में रहे। इस दौरान जब आलोक को महसूस हुआ कि हम दोनों एक साथ अब नहीं रह सकते, तो वह मुझे छोड़ कर चले गए। लक्ष्मी का इन सब के बावजूद यह कहना है कि प्यार एक खूबसूरत एहसास है, यह कब-कहा, किसके साथ हो जाए…. यह कोई नहीं कह सकता।
प्रेरणादायक है लक्ष्मी की कहानी
लक्ष्मी की यह प्रेरणादायक कहानी और उनकी पॉजिटिव एटीट्यूड की झलक उनके इस कामयाबी के सफर में साफ नजर आती है। इसी की देन है कि उन्होंने कल भी अपनी पहचान सिर्फ अपने नाम और अपनी मेहनत के दम पर खड़ी की थी, तो वही आज भी वह अपनी पहचान के लिए किसी सहारे की मोहताज नहीं है।