सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर गा चुकीं 36 भाषाओं में 50 हजार से ज्यादा गाने, ‘दीदी’ के नाम है कई उपलब्धियां

साल 1953 मेंकोकिला भारत रत्न लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) ने आज 92 साल (Lata Mangeshkar Age) की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया। लता मंगेशकर के निधन (Lata Mangeshkar Dies) की खबर ने देशभर को तोड़ कर रख दिया है। लता दीदी के निधन से देश भर में मातम पसर गया है। हर कोई उन्हें अपने-अपने अंदाज से श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है। लता मंगेशकर ने अपनी आवाज के दम पर देश ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में अपनी पहचान अपने दम पर खड़ी की थी। यही वजह है कि उन्हें स्वर सम्राज्ञी कहा जाता है। सुर के मामले में स्वर कोकिला लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar Life Achievement) ने हर दिन नए आयाम गढ़े थे।

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कहां हुआ था लता मंगेशकर का जन्म

लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को तत्कालीन इंदौर स्टेट में हुआ था। लता मंगेशकर के पिता का नाम दीनानाथ मंगेशकर था, जो कि मराठी और कोंकणी संगीतकार थे। संगीत परिवार से ताल्लुक होने के चलते लता मंगेशकर की संगीत में खासा रुची थी।

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लता मंगेशकर के पिता दीनानाथ मंगेशकर ने दो शादियां की थी। लता मंगेशकर दीनानाथ मंगेशकर की दूसरी पत्नी शेवंती की संतान थी। दीनानाथ मंगेशकर की पहली पत्नी का नाम नर्मदा था। उनकी मृत्यु के उपरांत उन्होंने उनकी छोटी बहन शेवंती से शादी कर ली थी। दीनानाथ ने अपने सरनेम में मंगेशकर जोड़ा था। उन्होंने अपने पैतृक गांव गोवा में मंगेशी को अपने नाम के साथ सरनेम बना लिया था।

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36 भाषाओं में 50,000 से ज्यादा गाने गाएं

लता मंगेशकर अपने पांच बड़े भाई बहनों में सबसे बड़ी थी। जन्म के समय लता मंगेशकर का नाम हेमा था, लेकिन बाद में उनके पिता ने एक नाटक की महिला पात्र लतिका के नाम पर उनका नाम लता रख दिया था। सुर सम्राज्ञी लता मंगेशकर ने संगीत की दुनिया में जो सफर तय किया, वह 36 भाषाओं में 50,000 से ज्यादा गानों से होकर गुजरा। लता मंगेशकर ने कुछ विदेशी भाषाओं में भी गाना गाया था।

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कई खिताब है लता दीदी के नाम

लता मंगेशकर को उनके गायन के सफर में साल 1974 में पहली बार गिनीज वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में 25000 गानों के लिए उनका नाम दर्ज किया गया था। हालांकि जल्द ही यह रिकॉर्ड मशहूर गायक मोहम्मद रफी ने अपने नाम कर लिया। उस वक्त उन्होंने 30,000 गानों के साथ एक नया रिकॉर्ड बनाया, लेकिन साल 1984 में फिर लता मंगेशकर का नाम इस लिस्ट में टॉप पर आ गया।

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लता मंगेशकर का सफरनामा

सुर सम्राज्ञी लता मंगेशकर के पिता भी एक संगीतकार थे। उन्होंने अपने पिता से ही संगीत की शिक्षा शुरू की थी। लता ने जब संगीत की शिक्षा शुरू की वह 5 साल की थी। दीनानाथ मंगेशकर के निधन के बाद नवयुग चित्रपट के मालिक लता मंगेशकर के गार्जियन बनेे और उन्होंने लता को सिंगर और एक्ट्रेस बनाने का फैसला किया। इसके बाद मराठी फिल्मों में लता मंगेशकर ने पहला गाना गाया, लेकिन बाद में वह गाना रिजेक्ट कर दिया गया।

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इसके बाद साल 1940 में लता मंगेशकर ने मराठी फिल्म के लिए एक हिंदी गाना गाया, जिसके बोल थे- माता एक सपूत की, दुनिया बदल दे तू। संगीत की दुनिया में अपने सफर की नई कहानी लिखने का सपना लिए लता मंगेशकर मुंबई आ गई। इसके बाद भिंडी बाजार घराना के उस्ताद अमन अली खान से उन्होंने हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की शिक्षा की। हिंदी फिल्म आपकी सेवा में के लिए पा लागू कर जोरी गाना लता मंगेशकर ने गाया।

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जब उनका संगीत प्रधानमंत्री की भरी गई आंखे

इसके साथ शुरू हुआ लता मंगेशकर का यह सफर लगातार चलता रहा। साल 1950 में देश की सबसे लोकप्रिय सिंगर बन गई। इसके बाद ओ मेरे वतन के लोगों गाना सुनकर तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की आंखों में भी आंसू आ गए। उनका यह गाना आज भी उस बुलंदी पर है, जहां लोग इसे सर्वप्रिय संगीत का खिताब पहनाते हैं।

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लता दीदी को मिले कई पुरस्कार

सुर संगीत की दुनिया में नए आयाम गढ़ चुकी लता मंगेशकर को साल 1969 में पद्मभूषण, साल 1989 में दादा साहेब फाल्के, साल 1997 में महाराष्ट्र भूषण अवार्ड, साल 1999 में एनटीआर नेशनल अवार्ड, साल 1999 में पद्म विभूषण अवार्ड, साल 1999 में ज़ी सिने लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड, साल 2001 में भारत रत्न अवार्ड, साल 2007 में लीजन ऑफ ऑनर अवार्ड सहित पांच फिल्मफेयर पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।

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लता मंगेशकर ने संगीत की दुनिया को अपने सुरों से सजाने के अलावा चार फिल्मों को प्रॉड्यूस भी किया था। मराठी फिल्म वदाई और हिंदी फिल्म झांझर को साल 1953 में, साल 1955 में हिंदी फिल्म कंचन गंगा और साल 1990 में फिल्म लेकिन को प्रोड्यूस कर एक नई उपलब्धि हासिल की।

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