सुरों की स्वरागी लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) ने 92 साल की उम्र में 6 फरवरी को दुनिया को अलविदा कह दिया। लता मंगेशकर भारतीय संस्कृति का वह नगीना है, जिसकी भरपाई कर पाना देश के लिए नामुमकिन है। लता ताई के निधन (Lata Mangeshkar Dies) के बाद से लोग लगातार उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर उन्हें याद कर रहे हैं। लता मंगेशकर के गानों (Lata Mangeshkar Song) को चाहने वाले देश नहीं, बल्कि दुनिया भर में मौजूद है। यही वजह है कि लता मंगेशकर के निधन के बाद से उन्हें श्रद्धांजलि (Lata Mangeshkar Tribute) अर्पित करने वालों का तांता लगा हुआ है।
भाई-बहनों में सबसे बड़ी थी लता ताई
लता मंगेशकर ने बेहद कम उम्र में गायन का सफर शुरू कर दिया था। लता ताई अपने पांचों भाई-बहनों (Lata Mangeshkar Brother And Sister) में सबसे बड़ी थी, ऐसे में बेहद कम उम्र में उन्होंने परिवार (Lata Mangeshkar Family) की जिम्मेदारी भी संभाली थी। लता मंगेशकर को अपनी आवाज और अपने अभिनय पर इस कदर भरोसा था कि उन्होंने अपने दम पर ही अपनी पहचान खड़ी थी। हालांकि इस दौरान उन्होंने जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव भी देखें।
आंखों में कई सपने लिए आई थी मुबंई नगरी
परिवार की माली हालत खासा अच्छी नहीं थी ऐसे में छोटी उम्र में कई बड़े-बड़े सपने आंखों में लिए लता मंगेशकर जब मुंबई आई, तो वह अपने हर सपने को सच करना चाहती थी। लता मंगेशकर का जन्म मीडिल फैमिली में हुआ था, जहां डायमंड से उनका लगाव बहुत ज्यादा था। एक बार लता मंगेशकर ने खुद के दौरान अपने डायमंड प्रेम का जिक्र किया था।
पहली सैलरी से खरीदी थी अंगूठी
लता मंगेशकर ने बताया था- कि बचपन से ही हीरो का काफी शौक था। बचपन में मेरे पिता ज्वेलरी डिजाइन किया करते थे, पर हम उन्हें खरीदने के काबिल नहीं थे। उन्हें गहनों की अच्छी परख थी और कीमती स्टोंस को पहनने का शौक भी भरपूर था, पर जब मैं प्लेबैक सिंगर बनीं तब मैंने ज्वेलरी पहनने से इंकार कर दिया। इस दौरान मैंने फैसला किया कि मैं केवल हीरे की अंगूठी पहनूंगी। इसलिए मैंने अपनी पहली सैलरी (Lata Mangeshkar First Salary Story) से मां के लिए गोल्ड ज्वेलरी खरीदी थी। इसके साथ ही मैंने अपने लिए एक हीरे की अंगूठी भी खरीदी थी।
यह रिंग स्पेशली डिजाइन की हुई रूबी और हीरे की अंगूठी थी, जिसमें LM लिखा हुआ था। अपने इस इन्टरव्यू के दौरान लता मंगेशकर ने अपनी जिंदगी के कई अनसुने किस्से का जिक्र किया, जिनमें से उनकी हीरे की अंगूठी का किस्सा सबसे दिलचस्प था। लता मंगेशकर का पहली सैलरी से यह हीरे की अंगूठी खरीदना उनके जीवन का यादगार पल था। लता मंगेशकर ने भले ही 6 फरवरी 2022 को दुनिया को अलविदा कह दिया हो, लेकिन उनके गाए हजारों गानों की याद के तौर पर वह लोगों के जेहन में हमेशा गुनगुनाती-मुस्कुराती याद रहेंगी।
अलविदा लता ताई…
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