Indian Railways: ट्रेन में सफर के दौरान टीटी टिकट नहीं होने पर कोच से बाहर कर देता है या फिर पेनाल्टी लगा देता है. लेकिन रेलवे का एक और नियम है जिसके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे. टिकट होने के बाद भी टीटी आपको चलती ट्रेन से उतार सकता है. नियम के अनुसार ट्रेन में सफर करते समय आपको टीटी से पंगा नहीं लेना चाहिए, वरना मुस्किले बढ़ जाएगी. हालांकि इस नियम को यात्रियों के हित को ध्यान में रखकर बनाया गया है. आइए जानते हैं क्या है यह नियम और क्यों बनाया गया है इसे.
भारतीय रेलवे के सीपीआरओ बताते हैं कि रेल मैन्युअल यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है. टीटी इन्हीं रेल मैनुअल के अनुसार कार्रवाई कर सकता है. भारतीय रेलवे के नियम यात्रियों की सहूलियत और सुरक्षा को ध्यान में रखकर बनाया गया है. इसमें अगर लापरवाही होती है तो रेल कर्मचारियों पर कार्रवाई हो सकती है.
जानिए क्या है नियम(Indian Railways News)
अगर ट्रेन में सफर शुरू करने से पहले यह सफर के दौरान टीटी को संभावना लगती है कि किसी यात्री का स्वास्थ्य ठीक नहीं है और वह यात्रा करने की स्थिति में नहीं है. इसके साथ ही सफर के दौरान रास्ते में उन्हें परेशानी हो सकती है इसके बावजूद वह सफर कर रहा है तो यात्री को स्वास्थ्य खराब होने के हवाला देकर टीटी यात्री को ट्रेन से बाहर निकाल सकता है. चाहे यात्री के पास फर्स्ट एसी या जनरल क्लास की टिकट हो. अगर यात्री चाहता है तो उसे मेडिकल सर्टिफिकेट के साथ यात्रा करना होगा.
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यह नियम यात्रियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर बनाया गया है. अगर किसी यात्री का स्वास्थ्य ठीक नहीं है तो टीटी को इसका पता चल जाता है इसके बावजूद वह सफर करने से नहीं रोकता है और चलती ट्रेन में यात्री को परेशानी होती है तो इन हालातो में तत्काल मेडिकल सुविधा नहीं मिल पाती है और मरीज की जान चली जाती है. ऐसे में टीटी की यात्री के प्रति लापरवाही मानी जाती है और ऐसे यात्रियों को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने यह नियम बनाया है.
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