kala jadu cities in India: दुनिया भर के तमाम देशों में काले जादू से लेकर तंत्र विद्या और जादू-टोना किया जाता है। भारत के कई राज्यों में भी इसकी झलक देखने को मिलती है। आज वैज्ञानिक और टेक्नोलॉजी के दौर में भी लोग जादू टोने पर विश्वास करते हैं। इतना ही नहीं कई लोग तो ऐसे भी हैं, जो इस तरह की एक्टिविटी में खुद भी संलिप्त होते हैं। ऐसे में आइए आज हम आपको भारत के कुछ ऐसी जगहों के बारे में बताएं, जहां काला जादू, तंत्र विद्या और टोना-टोटका बहुत ज्यादा किया जाता है।
हालांकि इसके साथ ही हम यह भी बता दें कि भारत में काला जादू पूरी तरह से बैन है, लेकिन फिर भी लोग कई बार अपनी हर समस्या का हल काले जादू, तंत्र मंत्र और टोने टोटके से ही करते हुए देखे जाते हैं। इतना ही नहीं कई लोग तो इस तरह की विद्या का अभ्यास भी करते हैं।
कुशाभद्रा नदी, उड़ीसा
उड़ीसा में स्थित कुशाभद्रा नदी के आसपास और नदी के नीचे दर्जनों हड्डियां और खोपड़ियां पाई जाती है। कहा जाता है कि यहां लोग काला जादू सबसे ज्यादा करते हैं।
सुल्तान शाही, हैदराबाद
हैदराबाद को काला जादू, टोने-टोटके आदि का परंपरागत केंद्र माना जाता है। मुख्यतः हैदराबाद के सुल्तान शाही में कई ऐसी जगह प्रसिद्ध है, जहां पर अलग-अलग बाबा अलग-अलग तरह के काले जादू करते हैं और लोगों से पैसे वसूलते हैं। वहीं कई लोग काले जादू के बदले संभोग भी करते हैं। इसके साथ ही यहां पर पशुओं की बलि देकर भी काला जादू किया जाता है। हैदराबाद में तीन जगह ऐसी है, जो मुख्य तौर पर काले जादू के लिए प्रसिद्ध है। इसमें चित्रिका, मुगलपुरा और शलिबंद का नाम शामिल है।
निमतला घाट, कोलकाता
मणिकर्णिका घाट की तरह ही निमतला घाट भी काले जादू के लिए खासा प्रसिद्ध है। यहां खास तौर पर मृतकों का अंतिम संस्कार किया जाता है। अंतिम संस्कार के बाद आधी रात को यहां अघोरी बाबाओं का हुजूम उमड़ता है। कहा जाता है कि आधी रात को यहां अघोरी बाबा आते हैं और मृतकों की लाशों के अवशेषों को खाते हैं।
मैयांग विलेज, असम
असम काम मैयांग विलेज कई सदियों से काले जादू के लिए जाना जाता है। इतना ही नहीं यहां पर मुगल जनरल और अंग्रेजों को भी इस गांव में आने से डर लगता है। काले जादू के लिए मशहूर मैयांग गांव को लकेर कहा जाता है कि यहां आने के बाद कई बार लोग गायब हो जाते हैं। इतना ही नहीं यह भी कहा जाता है कि यहां आने वाले लोग बेवजह ही मौत की नींद सो जाते हैं। इस जगह पर काले जादू से जुड़ी कई कहानियां हैं, उनमें से एक यह भी है कि यहां लोग जानवरों में परिवर्तित हो जाते हैं।
ग्रामीणों की अधिकांश आबादी यहां काले जादू के जरिए ही अपना गुजर-बसर करती है। कहा जाता है कि यहां रहने वाले लगभग सभी लोग काले जादू न सिर्फ करते हैं, बल्कि इसका अभ्यास भी करते हैं। यहां रहने वाले लोगों का मानना है कि उनके अंदर यह शक्तियां पीढ़ी दर पीढ़ी आ रही है।
मणिकर्णिका घाट, वाराणसी
भारत के पवित्र स्थलों में उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित मणिकर्णिका घाट का नाम भी शामिल है। मणिकर्णिका घाट अपनी पवित्रता के साथ-साथ अपनी धार्मिकता के लिए भी खासा प्रसिद्ध है। इसके अलावा मणिकर्णिका घाट पर ही काला जादू और टोना-टोटका किया जाता है। कहा जाता है कि यहां कई अघोरी बाबा श्मशान घाट पर बैठे रहते हैं और लाशों को खाते हैं।यहां बैठे अघोरी बाबा का मानना है कि इस तरह के रहन-सहन और खान-पान से उनके अंदर की शक्तियां बढ़ती है मणिकर्णिका घाट देश की उन प्रसिद्ध जगहों में से एक है, जहां गुप्त रूप से काला जादू किया जाता है।