पटना से दिल्ली, पुणे, मुंबई का चाहिए टिकट तो करें ये काम, रेलवे के इस उपाय से मिलेगा कंफर्म टिकट

सरकार के अग्निपथ योजना का बिहार में जमकर विरोध हुआ। आंदोलन का सबसे ज्यादा असर ट्रेन परिचालन पर पड़ा। इस वजह से रेल यात्रियों को सबसे ज्यादा दिक्कत झेलनी पड़ रही है। बिहार में रेलवे बोर्ड ने लगभग 75  ट्रेनों के परिचालन पर पूरी तरह रोक लगा दिया था जिसके बाद यात्रियों के सामने  विकट समस्या उत्पन्न हो गई। माहौल सामान्य हुआ तब परिचालन शुरू हुआ लेकिन कोई भी ट्रेन में टिकट खाली नहीं मिल रही है। आलम यह हो गया है कि पटना से जाने वाली कोई भी ट्रेन खाली नहीं है। यात्रियों से खचाखच हर ट्रेन रवाना हो रही है। यात्रियों को टिकट नहीं मिल पा रहा है ऐसे में टिकट की आस में ट्रैवल एजेंट और टिकट काउंटर के यहां चक्कर काट रहे हैं। जरूरी काम काज वाले लोग ट्रेनों में सीट नहीं मिल पाने के बाद बस अथवा फ्लाइट से सफर कर रहे हैं।‌

रेलवे मे कंफर्म टिकट के लिए निकाला ये जुगाड़ 

रेल यात्रियों की भीड़ को देखते हुए पूर्व मध्य रेलवे ने लगभग 40 ट्रेनों में कोच बढ़ाने का फैसला लिया है। कोई ट्रेन में एक तो कोई ट्रेन में दो अतिरिक्त डिब्बे लगाए गए थे। उससे लगभग 10,000 एक्स्ट्रा पैसेंजर प्रतिदिन सफर कर पा रहे हैं। लेकिन यह ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहा है।‌ पटना से दिल्ली जा रहे एक यात्री बताते हैं कि दिल्ली जाने वाली ट्रेन में आंदोलन के तीसरे दिन का टिकट कंफर्म था, लेकिन ट्रेन रद्द हो गया जिसके बाद दोबारा टिकट लेने के लिए काफी जद्दोजहद करना पड़ा। कई घंटे ट्रैवल एजेंट के दफ्तर और रेलवे के टिकट काउंटर बिताने पड़े, बावजूद इसके टिकट नहीं मिला। बेटी की परीक्षा थी लिहाजा लगभग दोगुना रेट पर फ्लाइट का टिकट लेकर वे दिल्ली के लिए रवाना हुए। 

कैसा हैं ट्रेन मे सीटों का हाल 

जून के आखिर तक पटना से मुंबई, दिल्ली और कोलकाता एवं पुणे जाने वाली किसी भी ट्रेन में सीट खाली नहीं है। ट्रेन पूरी तरह हाउसफुल हैं। पटना से दिल्ली के लिए चलने वाली संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस, महानंदा एक्सप्रेस, राजधानी एक्सप्रेस और विक्रमशिला में 31 जून तक सभी सीटें पूरी बुक हैं। पटना से कोलकाता के लिए चलने वाली हावड़ा मेल, राजेंद्र नगर हावड़ा एक्सप्रेस, विभूति एक्सप्रेस सहित दुरंतो ट्रेन में भी टिकट नहीं मिल रहा है। मुंबई और पुणे जाने वाली ट्रेनों का भी यही खस्ताहाल है।

पूर्व मध्य रेल के जनसंपर्क अधिकारी वीरेंद्र कुमार बताते हैं कि पहले से ही डिब्बों की कमी थी। इसके बावजूद अग्निपथ स्कीम के विरोध में आंदोलन के वजह से रद्द हुई ट्रेनों के पैसेंजर्स को राहत देने के लिए कई ट्रेनों में एक्स्ट्रा डिब्बे लगाए गए हैं। अधिक से अधिक रेल यात्रियों को सीट उपलब्ध हो इसके लिए रेलवे गंभीरता से काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि डिब्बों की व्यवस्था होते ही ट्रेनों में लगाने का काम शुरू हो जाएगा।

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