Bihari Voice की टीम फिर लेकर आई है सफलता की कहानी. यह कहानी उन छात्र-छात्राओं के लिए बड़ी प्रेरणा है जिन्हें लगता है कि आईएएस बनने के लिए बहुत इंटेलिजेंट होना जरूरी है या फिर वही आईएएस बन पाते हैं जिनका एकेडमिक रिकॉर्ड बहुत खास होता है. हम बात कर रहे हैं बिहार के कटिहार जिले के कुमार अनुराग के बारे में जिन्होंने साल 2018 में यूपीएससी सीएसई परीक्षा में 48वी रैंक के साथ टॉप किया है. कुमार अनुराग पढ़ाई में हमेशा एवरेज स्टूडेंट थे इसके बावजूद दूसरे प्रयास में उन्होंने यूपीएससी सीएसई परीक्षा में सफलता हासिल की. कैसे किया अनुराग ने यह कमाल आइए हम आपको विस्तार से बताते हैं….
बारहवीं की प्री बोर्ड परीक्षा में हुए थे फेल
अनुराग ने अपनी शुरुआती पढ़ाई बिहार के साधारण हिंदी मीडियम स्कूल से किया इसके बाद उनकी बेहतर शिक्षा के लिए उन्हें दूसरे शहर भेज दिया गया जहां उनका दाखिला इंग्लिश मीडियम स्कूल में हुआ. जिसकी वजह से अनुराग को काफी कठिनाइयों और परेशानियों का सामना करना पड़ा लेकिन अनुराग कहते हैं कि वह पढ़ाई में भले ही एवरेज स्टूडेंट थे लेकिन जब वाह कुछ करने का ठान लेते थे तो उसके लिए वह खूब मेहनत करते थे. यही कारण था कि अनुराग ने 10वीं की बोर्ड परीक्षा में 90% अंक प्राप्त किए वह 12वीं की मैथ्स प्री बोर्ड परीक्षा में फेल हो गए. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी फिर 12वीं की बोर्ड परीक्षा के लिए उन्होंने बेहतर तरीके से तैयारी की और 90% से ज्यादा अंक प्राप्त किए.
कई बार बैक बाद पूरी की ग्रेजुएशन की डिग्री
अनुराग ने दिल्ली विश्वविद्यालय के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से अपनी ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की. अनुराग बताते हैं कि कॉलेज के दिनों में वह हमेशा से ही बैक बेंचर्स थे और टॉपर्स के नोट्स फोटो कॉपी करा कर पढ़ते थे. कई बार बैक आने के बाद उनकी डिग्री पूरी हुई हालांकि वह कभी हार नहीं माने और ना ही हताश हुए वह निरंतर प्रयास करते रहे. इसके बाद उन्होंने MA की डिग्री दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पूरी की.
अपनी गलतियों से सीख आईएएस बनने का लक्ष्य चुना
एक इंटरव्यू के दौरान अनुराग ने बताया कि व्यक्ति को पता होना चाहिए कि आखिर वह क्यों फेल हो रहा है? अपनी गलतियों के बारे में बताते हुए अनुराग ने कहा कि उन्होंने कड़ी मेहनत नहीं की और वह अनुशासित जीवन ना जीते हुए पढ़ाई में रुचि नहीं ले रहे थे. इसके कारण उन्हें असफलताओं का सामना करना पड़ा. हालांकि अनुराग को खुद की काबिलियत पर विश्वास था उन्होंने निरंतर प्रयास किया और मेहनत किया इसी विचार के साथ उन्होंने UPSC की तैयारी शुरू कर दी.
यूपीएससी के दूसरे प्रयास में हासिल की 48 वीं Rank
अनुराग ने अपने पहले प्रयास में यूपीएससी परीक्षा को पास कर लिया था लेकिन कम अंक होने के कारण उन्हें 677वी रैंक मिली थी. इसके बाद अनुराग ने अपना एटीट्यूड बदला, नोट्स बनाएं खूब मेहनत की अपनी रणनीति भी बदले खूब टेस्ट दिए और बार-बार फेल भी हुए. लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी उन्होंने फिर कोशिश की और तब तक इंप्रूव करते रहे जब तक मंजिल नहीं मिल गई. पिछले गलतियों से सीख लेकर अनुराग ने 2018 की सिविल सेवा परीक्षा में 48 वीं रैंक हासिल की.
तैयारी की योजना बनाना और सही दिशा में बनाना बहुत जरूरी है दिशा तय होने के बाद उसमें आगे बढ़कर सफलता हासिल करनी कठिन नहीं होता. आपका कंपटीशन ऐसे लोग ही लोगों से इसलिए जरूरी है कि आपके अंदर भी एक फैशन हो जो पूरी जर्नी के दौरान आपको चार्ज रखे.
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