भारतीय सिनेमा की शुरुवात साल 1913 में हुई थी और बढ़ते समय के साथ इसकी महत्वता भी बढ़ती चली जा रही हैं। हमारे देश में जितनी पुरानी सिनेमा जगत है उतनी ही पुरानी और यादगार फिल्मों में निभाये गए हर एक किरदार हैं। कुछ किरदार ऐसे होते हैं जो दर्शकों के दिल और दिमाग में बैठ जाते हैं और अपनी एक अलग छाप छोड़ जाते हैं।
इन्ही में से एक हैं विलन का किरदार। वैसे तो अब तक कई फिल्में बन चुकी हैं लेकिन इनमें से कुछ ही ऐसी फिल्में रही हैं जिनके विलन ने खूब लोकप्रियता बटोरीं। इन अभिनेताओं ने यह साबित किया कि विलन का किरदार भले ही नकारात्मक हो मगर उनके कारण ही फिल्मों में हीरो का मान और पॉपुलैरिटी बढ़ती हैं। इतना ही नही कई फिल्में तो ऐसी भी हैं जिनमे हीरो से ज्यादा विलन को लोगों ने पसंद किया हैं और जमकर तारीफ भी की हैं। तो चलिए आज हम आपको कुछ ऐसे ही विलन के किरदार से मिलवाते हैं जिनका रोल हीरो के रोल के आगे फीका पड़ जाता था।
कुलभूषण खरबंदा
इस लिस्ट में सबसे पहला नाम “शाकाल” यानी कि कुलभूषण खरबंदा का हैं जिन्होंने साल 1980 में आई फ़िल्म शान में “शाकाल” नाम के विलन का रोल निभाया था। उनका एक फेमस डायलॉग ‘शाकाल के हाथ में जितने पत्ते होते हैं, उतने ही पत्ते उसकी आस्तीन में होते हैं…’ आज भी लोगों को खूब याद हैं। कुलभूषण ने इस रोल के लिए खूब तैयारियां की थी वही उनके इस रोल में एक अलग रोबाब था जिसके लिए फ़िल्म में हीरो को उनसे लड़ने के लिए खास प्रैक्टिस करनी पड़ती थी।
अपने इस रोल के बारे में कुलभूषण ने एक इंटरव्यू में बताया था कि फ़िल्म शोले के बाद रमेश सिप्पी को एक खलनायक की तलाश थी जिसके लिए उन्होंने कुलभूषण को अपने साथ लंच पर बुलाया। “शाकाल” किरदार से लोकप्रियता बटोरने वाले कुलभूषण को इस फ़िल्म में साइन करने से पहले एक और फ़िल्म के लिए कॉन्ट्रैक्ट साइन करवाया गया था तब जाके उन्हें इस किरदार के लिए फाइनल किया गया।
अजित
“सारा शहर मुझे लॉयन के नाम से जानता हैं” ये डायलॉग तो आप सभी को याद ही होगा। साल 1976 में आई फ़िल्म “कालीचरण” में लॉयन के किरदार से मशहूर विलन अजित ने जब इस मूवी में खलनायक का रोल निभाया तो पूरे खलनायिकी के तौर-तरीके ही बदल गए थे। अजित ने लॉयन के अपने किरदार से ना सिर्फ अभिनय का एक नया लेवल सेट किया बल्कि अपनी व्यक्तिगत शैली और विशिष्ट लहजे के साथ अपने किरदार को अमर भी कर दिया। एक दौर था जब अजित अपने अभिनय के कारण इतने पॉपुलर हो गए थे कि हर जगह बस उनकी ही डिमांड थी और वह अपने फिल्मों के लिए हीरो से भी ज्यादा फीस चार्ज किया करते थे।
रंजीत
बॉलीवुड में ऑन स्क्रीन 350 बार दुष्कर्म करने का रिकॉर्ड बनाने वाली रंजीत यानी कि गोपाल बेदी को आज कौन नही जानता। इन्होंने अपने जबरदस्त अभिनय से लोगों का दिल इस कदर जीत लिया था कि इनके स्क्रीन पर आते ही दर्शक हीरो की सलामती की दुआँ करते थे। बड़े बड़े फिल्मों में विलन का जबरदस्त अभिनय करने वाले रंजीत एक मात्र ऐसे खलनायक थे जिनके स्टाइल, चार्म और बढ़िया पर्सनालिटी पर लड़कियां मरा करती थी।
रंजीत ने अपने करियर में कई फिल्मों में काम किया हैं जिनमे से 25 फिल्मों में उनके असली नाम से उन्हें कास्ट किया गया। बॉलीवुड के गलियारों में ये भी खबर थी कि फ़िल्म शोले में गब्बर के लिए रंजीत के नाम पर गहरा विचार किया गया था। हालांकि उन्हें असली पहचान फ़िल्म शर्मीली से मिली थी जहां फ़िल्म की एक्ट्रेस के साथ उन्हें रेप का सीन करना था। आपको बतादें की उनके इस दुष्कर्म के सीन को देखकर रंजीत के परिवार वाले इतने खफा हो गए थे कि उन्होंने बिना पूरी फिल्म देखे आधे पर ही छोड़कर हॉल से बाहर चले आये थे। और फिर आलम ये हुआ कि फ़िल्म की एक्ट्रेस रेखा को उनके घर जाकर रंजीत के परिवार वालों को समझाना पड़ा था। आपको बतादें की रंजीत ने ना केवल फिमों में बल्कि टीवी पर भी काम किया हैं।
जीवन
आपको नारायण नारायण कहने वाले नारदमुनि का किरदार तो याद ही होगा जिन्होंने अपने इस रोल से लोगों के दिलों में अपनी एक पहचान बनाई हैं। साल 1915 में श्रीनगर में जन्मे जीवन ने बड़े पर्दे पर बहुत से खलनायक का रोल निभाया हैं। मगर उन्हें पहचान नारद मुनि का किरदार निभाने के बाद मिली। 60, 70 और 80 के दशक के बॉलीवुड सिनेमा के शीर्ष खलनायक रहे जीवन ने फ़िल्म अमर अकबर एंथोनी में अपने रॉबर्ट के किरदार से खलनायक चक्र को और गति दे दी थीं।
बॉलीवुड को फेमस डायलॉग जैसे कि आदमी के जब बुरे दिन आते हैं तो उसकी अकल मारी जाती है’, ‘जिंदगी में कुछ एहसान ऐसे भी होते हैं जिनकी कीमत असल से ज़्यादा सूद में चुकानी पड़ती है’, ‘आज तो इंसाफ होगा या मामला साफ होगा” देने वाले जीवन ने अपने जीवन में हर तरह के खलनायक भूमिकाओं को निभाया हैं।
- बांग्लादेश संकट से बिहार होगा मालामाल ! कपड़ा उद्योग का हब बन जाएगा बिहार; जाने कैसे - August 23, 2024
- Bihar Land Survey : आज से बिहार में जमीन सर्वे शुरू, इन दस्तावेजों को रखें तैयार; ये कागजात हैं जरूरी - August 20, 2024
- Ola Electric Motorcycle: Splendor से भी कम कीमत मे भारत में लॉन्च हुई ओला इलेक्ट्रिक बाइक, 579 किलोमीटर तक रेंज - August 16, 2024