मज़बूत इरादों की जीती जागती मिसाल हैं IAS अफसर हरप्रीत सिंह. हरप्रीत ने पहले इंजीनियरिंग की पढ़ाई की.इसके बाद वो एक प्राइवेट कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर जॉब भी करने लगें. फिर BSF में असिस्टेंट कमांडेंट के तौर पर उन्होनें देश की सेवा की. लेकिन उनके दिल में आईएएस अफसर बनाने का सपना था. BSF की नौकरी करते हुए उन्होनें UPSC परीक्षा की तैयारी जारी रखी.नतीजतन साल 2019 में उन्होनें 19 वीं रैंक के साथ UPSC परीक्षा क्रैक कर ली और आईएएस अफसर बन गए.
UPSC की तैयारी के दौरान ही मिली थी IBM में अच्छी जॉब
हरप्रीत सिंह पंजाब के लुधियाना के रहने वाले हैं. उनके पिता एक उद्योगपति हैं,वहीँ उनका माँ एक स्कूल में टीचर हैं. प्रारम्भिक शिक्षा के बाद उन्होनें इलेक्ट्रॉनिक्स में बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की. स्नातक के आखिरी साल में ही हरप्रीत ने तय कर लिया था कि उन्हें UPSC परीक्षा पास कर एक आईएएस अफसर बनाना है. इस सपने को पूरा करने के लिए हरप्रीत चंडीगढ़ चले गए.वहां उन्होनें एक कोचिंग में दाख़िला लिया और सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू कर दी. उसी दौरान उन्हें IBM कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर की जॉब का प्रस्ताव आया. उस वक़्त हरप्रीत ने नौकरी के साथ ही प्रिलिम्स की परीक्षा भी पास कर ली.लेकिन आगे नहीं बढ़ पाएँ. पर हिम्मत हारे बगैर ही वो आगे बढ़ते रहें.
UPSC के अलावा और भी परीक्षाओं में किये प्रयास
UPSC की तैयारी के साथ ही हरप्रीत अन्य परीक्षाओं में भी भाग लेते थे. कई जगह उनका सिलेक्शन भी हुआ.इसी दौरान उनका सिलेक्शन CRPF में हो गया. BSF में वो बतौर असिस्टेंट कमांडेंट के पद पर नौकरी करने लगे.लेकिन उन्होनें तैयारी नहीं छोड़ी.साल 2018 में उन्होनें UPSC परीक्षा पास की. इस परीक्षा में उन्हें 454वीं रैंक हासिल की. इसके बाद उन्होनें BSF की नौकरी छोड़ दी.और फिर उन्होनें ITS की की नौकरी शुरू कर दी. फिर 2019 में उन्होनें UPSC परीक्षा का पांचवा अटेम्प्ट दिया.इस परीक्षा में उन्होनें 19 वीं रैंक हासिल की और IAS अफसर बन गए. हरप्रीत के अनुसार, दृढ़ निश्चय और मेहनत से इंसान कोई भी लक्ष्य हासिल कर सकता है. तैयारी के दौरान सकारात्मक व्यवहार और आत्मविश्वास बनाए रखना बेहद ज़रूरी है.
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