कभी दो वक्त की रोटी के लिए भी Govinda के पास नहीं थे पैसे, कर्ज की वजह झेलनी पड़ी थी बदनामी

Govinda Life Story: गोविंदा ने अपनी कामयाबी की कहानी अपनी मेहनत और अपने अभिनय के दम पर लिखी है। आज गोविंदा भले ही फिल्म इंडस्ट्री में काम करते नजर ना आते हो, लेकिन आज भी लोग गोविंदा पर उतना ही प्यार लुटाते हैं जितना उनकी फिल्मों पर प्यार बरसाते हैं। गोविंदा का जन्म साल 1963 एक एक्टर और प्रोड्यूसर अरुण कुमार अहूजा के घर हुआ था। उनकी मां का नाम निर्मला देवी था, जो कि एक एक्ट्रेस थी रह चुकी है।

गोविंदा ने साल 1986 में फिल्म लव 86 से बॉलीवुड इंडस्ट्री में डेब्यू (Govinda First Film) किया था। इसके बाद शुरू हुआ उनका फिल्मी करियर हमेशा बुलंदियों पर ही रहा। 90 के दशक में गोविंदा हिंदी सिनेमा जगत के सुपरस्टार कहे जाते थे उनका हर स्टाइल उनका हर अंदाज लोगों को उनका मुरीद बना देता था।

संघर्षों भरा रहा है गोविंदा का जीवन

गोविंदा ने अपने करियर की शुरुआत करने से पहले अपनी जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव का सामना किया। गोविंदा का बचपन भी काफी संघर्ष भरा रहा है। गोविंदा के जन्म से पहले ही उनके परिवार में कई कठिनाइयों का पहाड़ टूटा। इतना ही नहीं उनके पिता अरुण आहूजा ने उस दौरान एक मूवी बनाई, जो फ्लॉप रही। इसके बाद शुरू हुआ उनका परेशानियों का सफर काफी लंबा चला। हालांकि गोविंदा ने अपने सपनों का साथ पकड़े अपने जिंदगी में कामयाबी को हासिल किया।

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जब चॉल में रहते थे गोविंदा

गोविंदा ने विरार की एक चाल में रहने वाले बच्चे से लेकर बॉलीवुड इंडस्ट्री के मेगा सुपरस्टार बनने तक का सफर अपनी मेहनत के दम पर तय किया। आज उनकी कहानी लाखों-करोड़ों लोगों को प्रेरणा देती है। साल 1997 में एक मीडिया चैनल को दिए अपने इंटरव्यू में खुद गोविंदा ने इस बात का खुलासा किया था कि उनकी लाइफ में एक वक्त ऐसा भी था, जब उनके पास किराने का सामान खरीदने के लिए पैसे नहीं थे। इस वजह से उनके परिवार को भी अपमान झेलना पड़ा था।

जब राशन खरीदने के लिए नहीं थे पैसे

अपने इन दिनों का जिक्र करते हुए खुद गोविंदा ने बताया था कि बनिया मुझे कई घंटों तक खड़ा रखता था, क्योंकि वह जानता था कि मैं सामान के पैसे नहीं दूंगा। एक बार मैंने किराने की दुकान पर जाने से इंकार कर दिया, तो मेरी मां रोने लगी। इसके बाद मैं भी अपनी मां के साथ रोने लगा।

सुनीता से प्यार करना था चाल का हिस्सा- गोविंदा

कामयाबी की बुलंदी को छूने और स्टारडम के आसमान पर 90 के दशक में रहने वाले गोविंदा ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि सुनीता के साथ मेरा इतना सीरियस होने का कोई इरादा नहीं था। मैं घूमने के लिए एक लड़की ढूंढ रहा था। तब मैं कुछ फिल्मों को साइन कर चुका था। एक दिन मेरे बड़े भाई कीर्ति सेट पर मिलने आए। मुझे एक रोमांटिक सीन करना था, लेकिन मैं सहज महसूस नहीं कर रहा था। एक लड़की को बाहों में पकड़ना और मुझे यह काफी अजीब लग रहा था।

इसके बाद यह सब देखकर मेरे भाई ने मुझे कहा कि तुम कोई अफेयर कर लो, जिससे तुम्हें रोमांस करना आए। कम से कम इसके बाद तुम्हें एक लड़की को बाहों में पकड़ना तो आ जाएगा। तब मैं सुनीता से मिला। मैं यह स्वीकार करता हूं कि उसके साथ मेरी पार्टनरशिप पूरी तरह से सोची समझी हुई चाल थी। खैर सुनीता और गोविंदा आज अपनी शादीशुदा जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव को देखने के बाद भी बेहद खुश हैं।

गोविंदा और सुनीता दोनों अपनी जिंदगी में एक दूसरे के साथ कई खास और स्पेशल मूमेंट भी शेयर कर चुके हैं। गोविंदा का नाम भले ही इंडस्ट्री की कई अदाकाराओं के साथ जुड़ा हो, लेकिन सुनीता के साथ बंधी सात फेरों की डोर ने कभी भी इन अफवाहों को ज्यादा भड़कने नहीं दिया।

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